Agra News: रिमांड में पुलिस को घुमाते रहे अंजली बजाज के हत्यारोपित, हत्या का नहीं दिखा पछतावा, नहीं मिला फोन
Agra Crime News पुलिस को दिन घर घुमाते रहे रिमांड पर आए अंजली के हत्यारोपित।पुलिस ने अंजली बजाज के हत्यारोपितों काे 34 घंटे की रिमांड पर लिया है। जेल की रोटी खाने के बाद भी चेहरों पर नहीं दिखा पछतावा।

आगरा, जागरण संवाददाता। कारोबारी की पत्नी अंजली बजाज के हत्यारोपितों प्रखर गुप्ता और शीलू को पुलिस ने शनिवार को 34 घंटे की रिमांड पर लिया। जेल की रोटी खाने के बाद भी दोनोंं के चेहरों पर पछतावा नहीं था।इस तरह से व्यवहार कर रहे थे, जैसे कुछ किया ही नहीं है। पूछताछ के दौरान प्रखर पुलिस को दिन भर घुमाता रहा। पुलिस उनसे अंजली का मोबाइल और उनके कपड़े बरामद करने का प्रयास कर रही है।
ककरैठा के जंगल में मिला था शव
कारोबारी उदित बजाज की पत्नी 40 वर्षीय अंजली बजाज की सात जून को ककरैठा के जंगल में वनखंडी मंदिर के पास से गायब हो गई थीं।अगले दिन उनका शव ककरैठा के जंगल में मिला था। चाकू से प्रहार करके उनकी हत्या की गई थी। हत्या के षडयंत्र में उनकी बेटी भी शामिल थी। पुलिस ने हत्या में प्रखर गुप्ता और शीलू से प्रयुक्त चाकू चाकू बरामद किया था। दोनों का जेल भेज दिया। जबकि कारोबारी की बेटी को महिला बालिका संप्रेक्षण गृह गाजियाबाद भेजा गया है।
34 घंटे का मिला रिमांड
प्रभारी निरीक्षक सिकंदरा आनंद कुमार शाही ने बताया कि प्रखर गुप्ता और उसके मित्र शीलू का न्यायालय ने 34 घंटे का रिमांड स्वीकृत किया है। पुलिस ने जिला जेल से शनिवार को दोनों को रिमांड पर लिया है। पुलिस उन दोनों को होटल में लेकर गई, जहां वह हत्या से पहले रुके थे। उस रास्ते को देखा जिससे वह हत्या के बाद भागे थे। पुलिस प्रखर और शीलू को ककरैठा के जंगल में भी लेकर गई।
जंगल में मोबाइल फेंकने की कहानी
पुलिस ने अंजली बजाज की हत्या के बाद उनका मोबाइल फेंकने वाली जगह के बारे में पूछताछ की। प्रखर और शीलू ने अलग-अलग जगह बताई। दोनों झूठ बोलकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे थे। हत्या के समय पहने कपड़े उन्होंने कहां छिपाए हैं, दोनों इसे लेकर भी गुमराह करने का प्रयास करते रहे। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।
बाइक में जान बसती है, खराब नहीं हाेनी चाहिए
बाइक में मेरी जान बसती है, वह खराब नहीं होनी चाहिए। रिमांड पर बाहर आने के बाद प्रखर पुलिस से अपनी बाइक को लेकर पूछने लगा। पुलिस द्वारा रिमांड पर लेने के बाद भी शातिर दिमाग प्रखर उधेड़बुन में लगा रहा। वह यही जानने का प्रयास करता रहा कि पुलिस ने उसके विरुद्ध क्या-क्या साक्ष्य जुटाए हैं। न्यायालय में वह पुलिस के साक्ष्यों से कैसे बचेगा। पूछताछ के दौरान पुलिस से कई बार कहा कि न्यायालय में बात होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।