Kasganj News: सांप्रदायिक सौहार्द के साथ प्रशासन की संजीदगी भी, अजान और हनुमान चालीसा पाठ का समय बदला
कासगंज जनपद के पटियाली कस्बा में अमीर खुसरो मस्जिद और श्रीगोपालजी मंदिर समीप हैं। यहां कुछ दिन तक एक साथ अजान और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ लेकिन अब समय बदला है। सांदायिक सौहार्द को लेकर प्रशासन ने संजीदगी दिखाई है।

कासगंज, जागरण टीम। महाराष्ट्र से शुरू हुआ लाउडस्पीकर का विवाद प्रदेश के कई जिलों तक पहुंचने के बाद कासगंज में भी इसकी सुगबुगाहट हुई है। कई दिनों से अजान के समय हनुमान चालीसा का पाठ हुआ, लेकिन जब कुछ जिलों में इस मामले ने तूल पकड़ा तो कासगंज में भी प्रशासन काे संजीदगी दिखानी पड़ी। हालांकि दोनों ही धर्म प्रेमियों को कोई एतराज नहीं है फिर भी अफसरों ने दाेनों धर्म के प्रमुख लोगों से बातचीत की। अफसरों ने इसी तरह साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
अासपास हैं मंदिर और मस्जिद
कासगंज के पटियाली में श्री गोपाल जी मंदिर तहसील रोड पर स्थित है। वहीं समीपीय अमीर खुसरो मस्जिद है। मस्जिद से अजान लाउडस्पीकर से दी जाती है। अभी कुछ दिनों से मंदिर पर अजान के समय ही लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। हालांकि इसको लेकर किसी भी धर्म के लोगों ने कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन गुरुवार की शाम मामला जब तहसील प्रशासन के संज्ञान में आया तो उपजिलाधिकारी पीएन सिंह एवं सीओ आरके तिवारी ने गंभीरता दिखाते हुए मस्जिद कमेटी, मंदिर के पुजारी और दोनों धर्मो के प्रबुद्ध लोगों से बातचीत की।
इस बातचीत में भी किसी भी पक्ष ने कोई आपत्ति नहीं जताई। अफसरों ने कौमी एकता की इस मिसाल के लिए दोनों धर्मो के लाेगों के प्रयासों की सराहना की।
दोनों धर्मो के लोगों से बातचीत की गई। उनसे कहा गया है कि अजान व हनुमान चालीसा का पाठ ध्वनि विस्तारक यंत्र से नियंत्रित आवाज में करें। पीएन सिंह, एसडीएम
धारा 144 लागू है। लोग शांति बनाए हुए हैं। सामान्य तौर पर दोनों धर्मो के लोगों से बातचीत की। किसी को कोई आपत्ति नहीं हैं।- आरके तिवारी, सीओ
मंदिर में धार्मिक आयोजन का चलन है। सामने मस्जिद होने के कारण उनके आयोजनों का सदैव ध्यान रखा जाता। ध्वनि विस्तारक यंत्र धीमी गति से बजाए जाते हैं। - नीरज मिश्र,महंत श्री गोपाल जी मंदिर
खुसरो मस्जिद से हमेशा कौमी एकता के संदेश प्रसारित किए जाते हैं। दूसरे धर्मों का एहतिराम करना हमारी जिम्मेदारी है। - मोहम्मद ज़ैद, इमाम अमीर खुसरो मस्जिद
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