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    एसएन मेडिकल कॉलेज की चौंकाने वाली रिपार्ट: कॉकरोच, कीटों के मल मूत्र और डैंड्रफ की एलर्जी से बच्चों व युवाओं को अस्थमा

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 10:35 AM (IST)

    30 प्रतिशत मरीजों में एलर्जी का कारण वायु प्रदूषण सहित अन्य कारक मिले हैं। इन मरीजों को घर की साफ सफाई रखने, काकरोच सहित अन्य कीट को घर में पनपने से रोकने की सलाह दी जा रही है। जिससे अस्थमा की समस्या से बच सकें। इन्हेलर भी बंद हो सकता है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। घर के अंदर कॉकरोच के साथ ही कीटों के अंग, लार, मल के साथ ही डैंड्रफ और धूल कणों (एलर्जन, एलर्जी करने वाले सूक्ष्म कण ) से बच्चे और युवाओं को एलर्जिक अस्थमा हो रहा है। घर के अंदर के एलर्जन सांस लेने पर नलिकाओं में पहुंच रहे हैं। इससे सांस नलिकाओं में सूजन आ रही है, सांस फूलने के साथ ही सांस लेने में परेशानी हो रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज में पिछले 6 महीने में ओपीडी में आए एलर्जिक अस्थमा से पीड़ित बच्चे, युवा और बुजुर्गों सहित 100 मरीजों में एलर्जी टेस्ट की गई। इसमें 70 प्रतिशत में घर के अंदर के एलर्जन मिले हैं।

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    एसएन में एलर्जिक अस्थमा से पीड़ित मरीजों की एलर्जी की जांच में घर के अंदर के कीट


    एसएन मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की ओपीडी में हर रोज 250 से 300 मरीज आते हैं, इसमें 25 से 30 प्रतिशत मरीज अस्थमा से पीड़ित हैं। इन मरीजों में अस्थमा का कारण जानने के लिए अप्रैल से स्टडी की जा रही है। जूनियर डॉक्टर अनंत स्वरूप निगम द्वारा छह महीने में 16 से 60 वर्ष की आयु के अस्थमा से पीड़ित मरीजों की एलर्जी टेस्ट की। इसके लिए मरीजों के हाथ में 12 तरह के एलर्जन सुई (इंट्राडर्मल टेस्ट ) के माध्यम से हाथ में लगाए गए। कुछ देर बाद हाथ में लालिमा, खुजली और उभार आ जाता है तो उस एलर्जन से एलर्जी की पुष्टि होती है।

    ये करें

     

    • घर में कॉकरोच सहित कीटों को पनपने ना दें
    • पर्दे, चादर, तकिया के कवर को नियमित अंतराल पर धोएं और धूप में सुखाएं, नियमित झाड़ू लगाएं
    • जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है वे घर में झाड़ूू ना लगाएं
    • घर में वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें

     

    100 मरीजों का किया गया एलर्जी टेस्ट

     

    रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि 70 प्रतिशत मरीजों में काकरोच सहित अन्य कीट के अंग, मल, मू्त्र, लार, डैंड्रफ (रूसी ), पर्दे और चादर में धूल करण घर के अंदर की हवा में घुलने से सांस नलिकाओं मे पहुंच कर एलर्जी कर रहे हैं। इससे सांस नलिकाओं में सूजन आ रही है और सांस फूलने लगती है। वहीं, 30 प्रतिशत मरीजों में एलर्जी का कारण वायु प्रदूषण सहित अन्य कारक मिले हैं। इन मरीजों को घर की साफ सफाई रखने, काकरोच सहित अन्य कीट को घर में पनपने से रोकने की सलाह दी जा रही है। जिससे अस्थमा की समस्या से बच सकें। इन्हेलर भी बंद हो सकता है।