नए पाठ्यक्रम और विदेशी भाषा अध्ययन के साथ बदला नजर आएगा आगरा कॉलेज, नौ प्रोजेक्ट शुरू
आगरा कॉलेज में नए सत्र में सभी सीटें भर गई हैं और विश्वविद्यालय से 33% सीटें बढ़ाने की मांग की गई है। कॉलेज में विदेशी भाषा अध्ययन संस्थान परीक्षा केंद्र सहित नौ नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। गंगाजल की पाइपलाइन बिछाई जाएगी और आचार्य चाणक्य परीक्षा भवन का निर्माण होगा। कॉलेज प्रशासन अनुशासन और वित्तीय मामलों में भी सुधार किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा कॉलेज बदला नजर आएगा, नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। विदेशी भाषा अध्ययन संस्थान, परीक्षा केंद्र सहित नौ प्रोजेक्ट के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इन पर जल्द ही काम शुरू होगा। आगरा कॉलेज में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में 200 वर्ष पूरे होने पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई।
बदला नजर आएगा आगरा कॉलेज
प्राचार्य डा. सीके गौतम ने कहा कि मार्च 2025 में पूर्णकालिक प्राचार्य के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इसके बाद सबसे बड़ी चुनौती कॉलेज में संचालित अनेक नियमित एवं स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में घटती प्रवेश संख्या थी। नए सत्र में सभी पाठ्यक्रमों की सीट भरी जा चुकी हैं। विद्यार्थियों की मांग को देखते हुए विश्वविद्यालय से सीट बढ़ाने की मांग की गयी है। फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाजी की सभी ब्रांच की सीट भी भर गयी हैं।
नए पाठ्यक्रम और विदेशी भाषा अध्ययन
पानी की मुश्किल को दूर करने के लिए बढ़ा कदम उठाया गया है। कालेज में गंगा जल की पाइप लाइन डाली जा रही है जिससे की आगरा कालेज में शुद्ध जल की आपूर्ति हो सकें। नए विकास कार्य कराने पर भी प्रबंध समिति और शासन से अनुमति मिल गयी है। कालेज के द्विशताब्दी वर्ष तीन हजार विद्यार्थियों के एक साथ बैठकर परीक्षा में सहभाग की क्षमता युक्त आचार्य चाणक्य परीक्षा भवन का निर्माण कराया जाएगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र की स्थापना, गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता एवं जन संचार अध्ययन संस्थान की स्थापना, गंगाधर शास्त्री प्राक्ष्य विद्या अध्ययन केन्द्र, गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर विदेशी भाषा अध्ययन संस्थान एवं एकेडमिक स्टाफ कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
पिछले आठ महीनों में कॉलेज के सामान्य प्रशासन, अनुशासन और वित्तीय मामलों को ठीक किया है। आगरा कॉलेज अध्ययन, अध्यापन, शुचितापूर्ण परीक्षा एवं उत्कृष्ट कोटि के शोध के लिए जाना जाता है। इन सभी दिशाओं में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढने का कार्य कर रहे है।
कॉलेज की पुरानी हो चुकी भौतिक अवस्थापनाओं के जीर्णोद्धार की भी समस्या है। इसके लिए नागरिक और पूर्व छात्रों से वित्तीय अनुदान का आग्रह किया गया है। उप प्राचार्य प्रो. पीबी झा, प्रो. मृदुल शर्मा, प्रो. भूपाल सिंह, प्रो. शशिकांत पांडेय, प्रो. भूपेंद्र कुमार चिकारा, प्रो. एके सिंह, डा. गौरव कौशिक, प्रो. रंजीत सिंह, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. राजेश वर्मा, डा. रिजु निगम, प्रो. सुनीता यादव, प्रो. दीपा रावत, प्रो. नीरजा माहेश्वरी, प्रो. निखिलेश तिवारी तथा बृजेश हरित मौजूद रहे।
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