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    आगरा में लोको पायलट की सजगता और सतर्कता ने बचाई यात्रियों की जान, होडल के पास पलटने से बची थी जनशताब्दी एक्सप्रेस

    कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस के लोको पायलट की सजगता और सतर्कता से मंगलवार सुबह यात्रियों की जान बची है। होडल के पास शताब्दी एक्सप्रेस पलटने से बच गई। यात्री निरंजन सिंह को हार्ट अटैक आने पर कंट्रोलर ने ट्रेन को लूप लाइन में लेकर जाने का सिग्नल दे दिया था। आधी ट्रेन लूप लाइन और आधी मुख्य ट्रैक में खड़ी हो गई।

    By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:03 PM (IST)
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    होडल के पास पलटने से बची थी जनशताब्दी एक्सप्रेस।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, आगरा। कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस के लोको पायलट की सजगता और सतर्कता से मंगलवार सुबह यात्रियों की जान बची है। होडल के पास शताब्दी एक्सप्रेस पलटने से बच गई। यात्री निरंजन सिंह को हार्ट अटैक आने पर कंट्रोलर ने ट्रेन को लूप लाइन में लेकर जाने का सिग्नल दे दिया था। आधी ट्रेन लूप लाइन और आधी मुख्य ट्रैक में खड़ी हो गई।

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    समय रहते लोको पायलट ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। इससे श्रीधाम एक्सप्रेस को रोक दिया गया। अगर ट्रेन नहीं रुकती तो यह जनशताब्दी एक्सप्रेस में पीछे से टक्कर मार सकती थी।

    डीआरएम गगन गोयल के आदेश पर कंट्रोलर उपेंद्र यादव और उप स्टेशन प्रबंधक सतबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच शुरू हो गई है। जल्द ही कोटा रेल मंडल के लोको और सहायक लोको पायलट के बयान दर्ज होंगे। वहीं भविष्य में ऐसी घटना न हो, इस पर रेलवे अधिकारियों का विशेष ध्यान है। परिचालन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है। जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि विभागीय जांच की जा रही है। दोषी दो कर्मचारियों को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था।

    90 प्रतिशत से अधिक है समयबद्धता

    आगरा रेल मंडल में तीन से चार माह से ट्रेनों की समयबद्धता 90 प्रतिशत से अधिक है। यानी अधिकांश ट्रेनें रेल मंडल में निर्धारित समय पर चल रही हैं। मंडल से होकर हर दिन 500 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। आगरा कैंट से 25 हजार यात्री, आगरा फोर्ट से 22 हजार और मथुरा से हर दिन 23 हजार यात्री सफर करते हैं।

    नई दिल्ली-आगरा रेल खंड देश के व्यस्ततम ट्रैक में शामिल है। पलवल से लेकर वृंदावन स्टेशन रोड तक कवच प्रणाली है। इस प्रणाली का अब तक छह बार सफल परीक्षण हो चुका है। इसमें वंदे भारत एक्सप्रेस का परीक्षण भी शामिल है। इस ट्रैक में हर दिन गतिमान एक्सप्रेस, चार वंदे भारत, शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों का संचालन होता है।