Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Akshaya Tritiya 2022: बांकेबिहारी के चरणों में बरस रहा अक्षय पुण्य, वृंदावन में प्रवेश करना बना बड़ी परीक्षा

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2022 02:36 PM (IST)

    Akshaya Tritiya 2022 शहर के बाहर से लगी वाहनों की लंबी। आराध्य के दिव्य दर्शन को उमड़ा भक्तों का सैलाब। श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए जगह जगह शीतल जल व मीठे जल की प्याऊ संचालित कर रखी हैं।

    Hero Image
    Akshaya Tritiya 2022: बिहारी जी में आराध्य के दिव्य दर्शन को उमड़ा भक्तों का सैलाब।

    आगरा, जागरण टीम। स्वर्ण-रजत श्रृंगार और हीरे-जवाहरात के हार, केसरिया वस्त्रों में ठा. बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन की ये झांकी बरबस ही आकर्षित करने वाली थी। आराध्य की इस मनमोहक छवि की एक झलक पाने को बेताब लाखों भक्तों का उतावलापन भी मंदिर में झलक रहा है। भक्तों का हुजूम जितना मंदिर के अंदर नजर आ रहा है, उससे कई गुना तो मंदिर के बाहर आराध्य की एक झलक पाने को इंतजार कर रहा है। भक्तों के इंतजार कर घड़ी मंदिर में कदम रखते जैसे ही खत्म हो रही है, बांकेबिहारी के जयकारों से मंदिर परिसर बार-बार गूंज रहा है। ठाकुरजी ने सुनहरे श्रृंगार में चरण दर्शन का अक्षय पुण्य पाने को देश दुनिया से आए भक्तों के कदम मंदिर की ओर लगातार बढ़ते ही नजर आ रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ठा. बांकेबिहारी मंदिर में अक्षय तृतीया पर मंगलवार को ठा. बांकेबिहारी ने चरण दर्शन दिए। मंदिर की परंपरा है कि अक्षय तृतीया के दिन ही साल में एकबार ठाकुरजी अपने भक्तों को चरण दर्शन देते हैं, तो सेवायत आराध्य के चरणों में सवा किलो चंदन का गोला भी रखा, जो दर्शन को विशेष बना रहा है। सुबह ठाकुरजी के बालभोग में सत्तू व शरबत विशेष तौर पर अर्पित किया। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरण दर्शन की परंपरा स्वामी हरिदास ने शुरू की थी। इसके पीछे कारण था कि अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं और ब्रज में साधना करने वाले संतों की परंपरा है कि वे ब्रज छोड़कर आजीवन कहीं बाहर नहीं जाते। साधकों की इस भावना को ही ख्याल में रखते हुए स्वामी हरिदास ने अक्षय तृतीया के दिन ठाकुरजी का सुनहरा श्रृंगार किया और साधकों को चरण दर्शन करवाए। स्वामी हरिदास ने साधकों से कहा जो पुण्य बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने से मिलता है, जो भी साधक और भक्त आराध्य बांकेबिहारी के चरण दर्शन करेगा, उसे बद्रीनाथ धाम के दर्शन का पुण्य मिलेगा। तभी से मंदिर में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरण दर्शन की परंपरा पड़ गई। शाम को भी ठाकुरजी के चंदन लेपन में सर्वांग दर्शन देंगे। इस दिव्य दर्शन को भक्तों का हुजूम देर शाम तक देखने को मिलेगा।

    शहर में चल रहे भंडारे व प्याऊ

    अक्षय तृतीया पर धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए जगह जगह शीतल जल व मीठे जल की प्याऊ संचालित कर रखी हैं, तो जगह जगह भंडारे लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा जा रहा है।

    शहर के एंट्री मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार

    अक्षय तृतीया पर ठा. बांकेबिहारी के चरण दर्शन को देश के अलग अलग शहरों से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शहर के एंट्री मार्गों छटीकरा, यमुना एक्सप्रेस-वे, मथुरा मार्ग पर कई किलोमीटर तक श्रद्धालुओं के वाहनों की कतार लगी है। इन वाहनों को शहर के बाहर पार्किंग में खड़ा करवाया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु ई-रिक्शा के जरिए गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।