उटंगन नदी हादसा: हादसे का सीन किया रीक्रिएट, विष्णु की जगह नदी में उतरे स्कूबा डाइवर्स ने निकाले दो और शव
आगरा के उटंगन नदी में हुए हादसे में 13 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। तलाशी दल ने घटना का सीन रीक्रिएट किया जिसमें जीवित बचे विष्णु को घटनास्थल पर ले जाया गया। विष्णु की निशानदेही पर स्कूबा डायवर्स ने दो शव बरामद किए। हादसे के बाद से अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं और लगातार तलाशी अभियान जारी है।

नीलेश शर्मा, जागरण, आगरा। उटंगन नदी में गुरुवार को हुए दर्दनाक हादसे में 13 लोग डूब गए थे। तलाशी अभियान में जुटीं टीमों ने पांच दिन पहले हुए दर्दनाक हादसे का सोमवार सुबह सीन रीक्रिएट किया। 50 पैरा ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम हादसे में जिंदा बचे विष्णु व हादसे के वक्त मौजूद रिंकू को मोटरबोट से उटंगन नदी में उस स्थान पर ले गए जहां हादसा हुआ था।
विष्णु के स्थान पर स्कूबा डायवर नदी में उतरे। इसके बाद उसी स्थान पर तलाशी अभियान चलाया गया और दो शवों को बरामद कर लिया गया।
उटंगन से जिंदा निकाले गए युवक को लेकर घटनास्थल पर पहुंची टीमें
मूर्ति विसर्जन करने गए 13 लोग गुरुवार दोपहर उटंगन नदी में डूब गए थे। नदी में डूबे विष्णु को जिंदा बाहर निकाल लिया गया था। उसका इलाज चल रहा था। हालत सामान्य होने पर विष्णु को सोमवार सुबह उटंगन नदी के किनारे बुलाया गया।
खौफनाक मंजर से डरे-सहमे विष्णु के कदम नदी की ओर नहीं बढ़ रहे थे। तलाशी अभियान में जुटी टीमों के सदस्यों व अधिकारियों ने विष्णु को हिम्मत दी। इसके बाद जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की मौजूदगी में सोमवार सुबह 7:30 बजे हादसे का सीन रीक्रिएट किया गया।
सीन रीक्रिएट होने के बाद उसी स्थान पर चलाया गया तलाशी अभियान
50 पैरा ब्रिगेड व एनडीआरएफ विष्णु व हादसे के वक्त मौजूद रिंकू को लाइफ जैकेट पहनाने के बाद मोटरबोट से उटंगन नदी में ले गए। विष्णु ने बताया कि वह लोग कहां डूबे थे, वहां मोटर बोट को रोका गया। इसके बाद विष्णु के बताए अनुसार स्कूबा डायवर नदी में उतर गए।
सीन रीक्रिएट होने से तलाशी अभियान में जुटी टीमों को हादसे का सही स्थान व डूबने का तरीके पता चला। इसके बाद उसी स्थान पर दिनभर तलाशी अभियान चलाया गया। यहीं से वीनेश व ओके का शव निकाला जा सका।
दो कदम आगे बढ़ाते ही डूब गए 13 लोग
इकलौते जीवित बचे विष्णु ने अधिकारियों व मीडिया को लड़खड़ाती जुबान से उटंगन हादसे की जानकारी दी। बताया कि उसके दोस्त भगवती व हरेश के साथ ही अन्य सात लोग नहा रहे थे। जबकि वह व पांच अन्य युवक नदी किनारे थे। नहा रहे लोग दो कदम आगे बढ़े तो गहरे पानी में चले गए।
विष्णु व अन्य पांच लोगों ने एक दूसरे का घेरा बनाकर डूब रहे लोगों को बचाने की कोशिश की। भगवती और हरेश का हाथ पकड़कर खींचने का प्रयास किया। पानी की गहराई अधिक होने से एक-दूसरे का हाथ छूट गया और सभी लोग पानी में डूब गए। किसी ने पानी में डूब रहे विष्णु का हाथ पकड़कर खींच लिया, जिससे वह बच गया।
तलाशी अभियान की व्यवस्था एक नजर में
- 21 जवान व स्कूबा डायवर 50 पैरा ब्रिगेड के तलाश में जुटे।
- 50 जवान एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जुटे।
- 02 हाइड्रा, दो पोकलेन, चार जेसीबी, दो कंप्रेशर मशीनें व आधा दर्जन टैंकर व चार पंपसेट लगाए गए हैं।
- 04 एसीपी एक शिफ्ट में तैनात रहते हैं।
- 60 दारोगा व सात थाना प्रभारी एक शिफ्ट में तैनात रहे हैं।
- 100 सिपाही व एक प्लाटून पीएसी की ड्यूटी रहती है।
- 400 के करीब ग्रामीण कर रहे हैं प्रशासन का सहयोग।
अधिकारी का रहे हैं कैंप
हादसे के बाद से उटंगन नदी के किनारे जिले के अधिकारी कैंप कर रहे हैं। अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह के साथ ही एडीएम व एसडीएम स्तर के अधिकारी व एसीपी कैंप कर रहे हैं। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी व पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार, डीसीपी पश्चिम जोन अतुल शर्मा के अलावा नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल भी डेरा जमाए हुए हैं। जरूरी विभागीय कार्य भी अधिकारी यहीं से निपटा रहे हैं।
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