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Research on Birds: आगरा ने पक्षियों पर शोध के साथ पर्यटन के लिए भी बढ़ाए कदम

Research on Birds बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के प्रयासों से आंबेडकर विश्वविद्यालय में पक्षियों पर शोध करने वाले पीएचडी विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन शोधार्थियों के अध्ययन क्षेत्र में सूर सरोवर कीठम झील जोधपुर झाल और यमुना नदी और आगरा के वेटलैंड शामिल है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 05:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 05:19 PM (IST)
Research on Birds: आगरा ने पक्षियों पर शोध के साथ पर्यटन के लिए भी बढ़ाए कदम
आगरा में पक्षियों के पर्यटन के लिए गाइड तैयार करने को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा ताजमहल के कारण विश्व पटल पर विख्यात तो है ही साथ ही पक्षियों के पर्यटन के लिए भी अपनी पहचान बनाने की तरफ बढ़ रहा है। बीआरडीएस संस्था के प्रयासों से पक्षियों के शोध के साथ-साथ पर्यटन के रूप में रोजगार सृजन के भी प्रयास शुरू कर दिए हैं।

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बढ़ रहे पक्षियों पर पीएचडी के शोधार्थी

बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के प्रयासों से आंबेडकर विश्वविद्यालय में पक्षियों पर शोध करने वाले पीएचडी विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन शोधार्थियों के अध्ययन क्षेत्र में सूर सरोवर, कीठम झील, जोधपुर झाल और यमुना नदी और आगरा के वेटलैंड शामिल है।

पक्षियों के गाइड तैयार करने को प्रशिक्षण प्रारंभ

पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह के अनुसार आगरा में सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी, जोधपुर झाल, चंबल क्षेत्र, सेवला वेटलैंड, यमुना नदी, ताज नेचर वाक आदि क्षेत्रों में हर साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी ठहरते हैं लेकिन आगरा में पक्षियों व नेचर गाइड की कमी खलती है।

बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी द्वारा वन विभाग के सहयोग से आगरा में पक्षियों के पर्यटन के लिए गाइड तैयार करने को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी को मिले हैं वेटलैंड मित्र

आगरा स्थित रामसर साइट सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी को इस साल 60 वेटलैंड मित्र मिले हैं। वन विभाग द्वारा उन्हे वेटलैंड मित्र किट प्रदान की गई हैं। वेटलैंड मित्रों को पक्षियों की पहचान व गाइड के प्रशिक्षण लिए बीआरडीएस द्वारा कीठम सूर सरोवर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन्ही वेटलैंड मित्रो से सूर सरोवर में पक्षियों के गाइड तैयार होंगे।

सर्दियो मे आते हैं प्रवासी पक्षी

आगरा और आसपास के वेटलैंड्स पर प्रतिवर्ष रोजी पेलिकन, डालमेशन पेलिकन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, पाइड एवोसेट, रूडी शेल्डक, काॅमन शेल्डक, डोमिसिल क्रेन, इंडियन स्कीमर, काॅटन पिग्मी गूज, यूरेशियन स्पूनविल, ब्राउन हेडेड गुल, ग्रे लैग गूज, बार हेडेड गूज, यूरेशियन बेगौन, ब्लैक टेल्ड गोडविट, गेडवाल,नोर्दन पिनटेल, गारगेनी, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, पेन्टेड स्टार्क , ब्राउन हेडेड गल , नोर्दन शोवलर, काॅमन टील, यूरेशियन कूट, रिवर टर्न, बुड सेन्डपाइपर, मार्श सेन्डपाइपर, व्हाइट वेगटेल, सिट्रिन वेगटेल, रूफ, व्हाइट ब्राउडेड वेगटेल, गुल बिल्ड टर्न, ब्लूथ्रोट, टोनी पिपिट, ब्लिथ रीड बैबलर सहित हजारों प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं।

सर्दियों के बाद भी स्थानीय पक्षियों के प्रवास से गुलजार रहता है आगरा

गर्मी व बारिश के मौसम मे भी आगरा में पैराडाइज फ्लाईकैचर, रोजी स्टर्लिंग, फिजेन्ट टेल्ड जेकाना , रोज फिन्च, गोल्डन ओरिओल आदि पक्षी भी देखे जाते है। 


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