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    आगरा में चोर ने बताया सत्यापन का सच, दो सिपाही निलंबित, जेल से छूटने के बाद ही किया ये कांड

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:27 AM (IST)

    जेल से छूटे अपराधी ने न्यू आगरा क्षेत्र के नगला पदी में चोरी की थी। चोरी और फर्जी सत्यापन का मामला पकड़ में आने पर डीसीपी सिटी ने सिकंदरा चौकी ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, आगरा। जेल से छूटे अपराधी ने न्यू आगरा क्षेत्र के नगला पदी में चोरी की थी। रविवार रात को पुलिस ने चोर को गिरफ्तार किया तो चोरी की घटना के साथ ही फर्जी सत्यापन का खेल भी खुल गया। सिकंदरा की रुनकता चौकी पर तैनात दो सिपाहियों ने जेल से छूटे चोर का फर्जी सत्यापन कर दिया था। मामला खुलने के बाद डीसीपी सिटी सय्यद अली अब्बास ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया। साथ ही इंस्पेक्टर सिकंदरा और चौकी प्रभारी रुनकता से स्पष्टीकरण मांगा है।

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    नगला पदी निवासी नाहर सिंह 15 नवंबर को अपने घर से ताला लगाकर परिवार के साथ बाहर गए थे। 30 नवंबर को उनके साले की बेटी महक ने घर के ताले टूटे होने की सूचना दी। उन्होंने घर आकर देखा तो सामान बिखरा हुआ था। चोर उनके घर से 2.20 लाख रुपये चोरी कर ले गए थे। उन्होंने घटना के संबंध में थाना न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज करा दिया। रविवार रात पुलिस ने सिकंदरा में रुनकता के रहने वाले प्रभू दयाल उर्फ तंगा को गिरफ्तार कर चोरी का पर्दाफाश कर दिया।

    पुलिस ने एक लाख दो हजार किए बरामद

    गिरफ्तार चोर से पुलिस ने एक लाख दो हजार रुपये बरामद कर लिए। प्रभूदयाल के खिलाफ चोरी और आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में 15 मुकदमे दर्ज हैं। उसने बताया कि वह चोरी के मामले में जेल में बंद था। 15 नवंबर को ही वह जेल से जमानत पर छूटा था। इसके बाद दिल्ली चला गया। 29 नवंबर की रात को उसने नाहर सिंह के घर से चोरी कर ली थी।

    डीसीपी सिटी सय्यद अली अब्बास ने बताया कि जेल से छूटने वाले अपराधियों के सत्यापन का अभियान चलाया जा रहा है। प्रभूदयाल के जेल से छूटने के दो दिन बाद कागजों में रुनकता चौकी पर तैनात सिपाही प्रदीप कुमार और चंद्रमोहन ने सत्यापन किया था। उन्होंने सत्यापन रिपोर्ट में लिखा था कि वह उससे घर जाकर मिले और पूछताछ की।

    अपराधी के चाल-चलन वाले कालम में उन्होंने लिखा कि वह शराफत से सामान्य जीवन जी रहा है। जबकि हकीकत में प्रभूदयाल दिल्ली में था। इसके बाद उसने चोरी की। सिपाहियों ने उसके स्वजन से बातचीत करके फर्जी सत्यापन कर लिया था।

    अगर सिपाही वास्तविक सत्यापन करते तो अपराधी दोबारा चोरी करने का दुस्साहस नहीं करता। सत्यापन की मानीटरिंग में लापरवाही को लेकर इंस्पेक्टर सिकंदरा और चौकी प्रभारी रुनकता से स्पष्टीकरण मांगा है।