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    Mughal Architecture: ऐतिहासिक धरोहरों को मिलेगा संरक्षण, सुल्तान परवेज का मकबरा और मुबारक मंजिल बनेंगे राज्य स्मारक

    Updated: Thu, 24 Oct 2024 09:21 AM (IST)

    आगरा में यमुना किनारे स्थित सुल्तान परवेज का मकबरा मुबारक मंजिल और बल्केश्वर स्थित प्राचीन बुर्ज अब राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किए जाएंगे। राज्यपाल ने इनके लिए प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है। इन स्मारकों को संरक्षित घोषित करने से पहले एक महीने तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम अधिसूचना जारी कर स्मारकों को राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित घोषित कर दिया जाएगा।

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    यमुना किनारा स्थित सुल्तान परवेज का मकबरा उचित देखरेख के अभाव में नष्ट हो रहा है। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना किनारा स्थित सुल्तान परवेज का मकबरा, मुबारक मंजिल और बल्केश्वर स्थित प्राचीन बुर्ज अब राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किए जाएंगे। राज्यपाल ने इनके लिए प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है। स्मारकों पर नोटिस चस्पा होने की तिथि से एक माह तक इस पर आपत्ति जताई जा सकेगी।

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    आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम अधिसूचना जारी कर स्मारकों को राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित घरोहर घोषित कर दिया जाएगा।

    संरक्षण के अभाव में जर्जर हो रहे स्मारक

    आगरा में कई ऐसे स्मारक हैं, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित नहीं हैं। उचित देखरेख व संरक्षण के अभाव में जर्जर हो रहे स्मारक अपनी पहचान बचाने को जूझ रहे हैं। एएसआइ ने एक दशक पूर्व हाथीखाना, हवेली आगा खां, हवेली खान-ए-दुर्रां को संरक्षित स्थल घोषित किया था। हाथीखाना के संरक्षण का काम भी पूरा हो चुका है।

    संरक्षित स्मारकों की अधिसूचना जारी

    राज्य पुरातत्व विभाग ने भी अब इस ओर कदम बढ़ाया है। बटेश्वर स्थित 42 स्थलों (शिव मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, बटेश्वर किला, रानी घाट, आश्रम, कुटिया, विश्रामगृह आदि) को संरक्षित स्मारक घोषित करने को प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है। इसके साथ ही घटवासन मुस्तकिल के बल्केश्वर में यमुना किनारा स्थित हवेली के बुर्ज, मुबारक मंजिल (औरंगजेब की हवेली) और सुल्तान परवेज के मकबरे को संरक्षित स्मारक घोषित करने को प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई हैं। लिखित आपत्ति प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग, निदेशक उप्र राज्य पुरातत्व विभाग और डीएम को भेजी जा सकेंगी।

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    शाहजहां के बड़े भाई थे सुल्तान परवेज मिर्जा

    सुल्तान परवेज मिर्जा शहंशाह जहांगीर के बेटे और शाहजहां के बड़े भाई थे। उनका मकबरा यमुना किनारे पर एएसआई द्वारा संरक्षित चीनी का रोजा और एत्माद्दौला के मध्य स्थित है। सुल्तान परवेज का मकबरा तैमूर के समरकंद स्थित मकबरे की तरह बनाया गया था। इसके चारों ओर बाग था। मकबरा अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। उसकी दीवारें खोखली हो चुकी हैं। चूने का प्लास्टर झड़ चुका है। बाग का अस्तित्व मिट चुका है। इसके गुंबद पर उल्टे कमल के फूल का डिजाइन जरूर आकर्षित करता है। उचित मार्ग के अभाव में यहां तक पहुंचना भी आसान नहीं है। 

    सुल्तान परवेज का मकबरा, औरंगजेब की हवेली और बल्केश्वर स्थित यमुना किनारे स्थित बुर्ज के संरक्षण को प्रारंभिक अधिसूचना की जा चुकी है। अधिसूचना पर एक माह में आपत्ति जताई जा सकती है। राजीव त्रिवेदी, प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी, उप्र राज्य पुरातत्व विभाग