Agra Smart City Project: चिराग तले अंधेरा, नियमों की कब्र पर है आगरा के स्मार्ट सिटी कार्यालय की नींव
दो करोड़ से नगर निगम परिसर में बना है कार्यालय। एक माह पूर्व आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय के नक्शा को लेकर आरटीआइ मांगी गई थी। विभाग ने एडीए से स्वीकृत ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। पांच साल में 2300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय की जिस बिल्डिंग में अफसर बैठकर नियम बनाएंगे, उसकी नींव ही नियमों को तोड़कर बनाई गई है। इस भवन का नक्शा ही एडीए से पास नहीं कराया गया है।
आगरा शहर में कोई भी सरकारी या फिर गैर सरकारी निर्माण का नक्शा पास होना जरूरी है। तीन सौ मीटर से अधिक के भवन का नक्शा ऑनलाइन पास होता है। नौ जनवरी 2017 को आगरा स्मार्ट सिटी लि. का गठन किया गया। इसके चेयरमैन मंडलायुक्त और सीईओ नगरायुक्त हैं। नगर निगम परिसर में कार्यालय के निर्माण का फैसला लिया गया। दो करोड़ रुपये से कार्यालय की मरम्मत व नए निर्माण के आदेश दिए। एक साल पूर्व पुराने कमरों की मरम्मत कराई गई और फिर समीप पड़ी जगह पर नये भवन का निर्माण शुरू हुआ। अफसरों के बैठने का कार्यालय बन कर तैयार है। कार्यालय और सभी कमरों का नक्शा पास नहीं है। अब अधिकारी इसे दबाने में लगे हुए हैं। साथ ही नक्शा पास कराने के लिए आवेदन भी किया जा रहा है।
आरटीआइ ने खोली पोल
एक माह पूर्व आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय के नक्शा को लेकर आरटीआइ मांगी गई थी। विभाग ने एडीए से स्वीकृत मानचित्र के बदले खुद की ड्राइंग की छाया प्रति दी। इसी से नक्शा पास न होने का शक हुआ।

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