Sextortion Gang: सिपाही के संरक्षण में चल रहा था गिरोह, शिकार फंसाने पर युवती को देते कमीशन
आगरा में सेक्सटॉर्शन गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह का सरगना प्रविंद्र है, जो युवती को शिकार फंसाने के लिए इस्तेमाल करता था। सिपाही रियाज गिरोह को सं ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। सेक्सटार्शन गिरोह जाल में फंसे शिकार से लाखों रुपये वसूलने के बाद युवती को सिर्फ 25 प्रतिशत हिस्सा देता था। बाकी रकम गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। गिरोह का सरगना बाह का रहने वाला प्रविंद्र है।
उसी ने युवती को ऑनलाइन गेम में हारने और दो लाख रुपये का कर्जा होने पर उसे चुकाने के लिए यह सेक्सटार्शन का रास्ता दिखाया था। खुद को पूर्व जिला पंचायत सदस्य बताने वाले सिपाही रियाज ने सेक्सटार्शन गिरोह को संरक्षण दिया हुआ था।
बाह का रहने वाला पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रवेश भारद्वाज भी इस पूरे खेल में शामिल था। ताजगंज क्षेत्र के रहने वाले शीतगृह मालिक से उसी ने आपत्तिजनक वीडियाे होने और मध्यस्थता कराने को रकम मांगी थी।
कमला नगर पुलिस ने मंगलवार को शहर में सक्रिय सेक्सटार्शन गिरोह का पर्दाफाश करते हुए युवती और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। युवती मैनपुरी के करहल थाना क्षेत्र की रहने वाली है। जबकि दूसरा आरोपित बाह निवासी गणेश शर्मा है।
युवती ने पूछताछ में बताया था कि वह बाह क्षेत्र में अपने मामा के पास रहती है। एक वर्ष पहले उसकी मुलाकात बाह के रहने वाले प्रविंद्र सिंह से हुई। प्रविंद्र ने उसकी मुलाकात अपने मित्रों रियाज और प्रवेश भारद्वाज से कराई थी। प्रवेश पूर्व जिला पंचायत सदस्य है।
रियाज खुद को पुलिसकर्मी और कानपुर कमिश्नरेट में तैनात होना बताया था। पुलिस पूछताछ में युवती ने बताया कि आनलाइन गेम में हारने पर दो लाख रुपये कर्जा हो गया था। जिसे चुकाने के लिए प्रविंद्र से मदद मांगी तो उसने यह रास्ता बताया। प्रविंद्र उसके लिए शिकार खोजता था।
वह इंस्टाग्राम पर लोगों की पोस्ट व स्टेटस से उनकी आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाता था। इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होता और वहां आने वाले लोगों के बारे में जानकारी करता। लोगों की इंस्टाग्राम आइडी और उनके मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था।
वह लोगों को मिस्ड कॉल करती, पलटकर कॉल आने पर उनसे बात करके अपने जाल में फंसाती थी। साथ ले जाकर मोबाइल में डाउनलोड एप से आपत्तिजनक वीडियो बनाकर प्रविंद्र को देती थी।
बाकी काम प्रविंद्र, रियाज, प्रवेश भारद्वाज और गणेश करते थे। शिकार से रकम वसूलने के बाद 80 हजार से एक लाख रुपये तक उसे देते थे। सिपाही रियाज वसूली करने वालों की मदद करता था।
युवती से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने खुद को कानपुर कमिश्नरेट में तैनात बताने वाले सिपाही रियाज का मोबाइल नंबर हासिल किया। नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया तो वह बंद था।
पुलिस अब सिपाही रियाज समेत अन्य आरोपितों की कुंडली खंगाल रही है। डीसीपी सिटी सय्यद अली अब्बास ने बताया कि फरार रियाज, प्रविंद्र सिंह और प्रवेश की तलाश जारी है।
युवती की इंस्टाग्राम आइडी खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने युवती का मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। उसकी इंस्टाग्राम आइडी को भी खंगाल रही है, जिससे कि उसके फाॅलोअर्स के बारे में पता किया जा सके।
साथ ही वह कितने लोगों को फाॅलो करती थी, उनके नाम-पता मोबाइल नंबर लेकर संपर्क करेगी। जिससे यह पता लगाया जा सके कि उनमें से कितने लोगों को गिरोह अपना शिकार बना चुका है।

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