Sawan Ki Parikrama: शिव भक्तों की 43 KM लंबी परिक्रमा में आज उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब, बल्केश्वर मेले का उद्घाटन
आगरा में श्रावण मास के दूसरे रविवार को 43 किमी लंबी नगर परिक्रमा होगी। श्रद्धालु राजेश्वर महादेव बल्केश्वर महादेव कैलाश महादेव और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिरों के दर्शन करेंगे। परिक्रमा मार्ग पर भंडारे लगाए जाएंगे जहां फल जल और भोजन की व्यवस्था होगी। बल्केश्वर महादेव मंदिर पर मेले का भी आयोजन होगा।

जागरण संवाददाता, आगरा। श्रावण मास के द्वितीय रविवार को शहर के चारों कोनों पर स्थित प्राचीन शिवालयों की पारंपरिक परिक्रमा लगाई जाएगी। प्राचीन परंपरा के अनुरूप शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु इसमें शामिल होकर जलाभिषेक करने पहुंचेंगे।
करीब 43 किमी की यह परिक्रमा श्रद्धालु को एक ही रात्रि में पूरी रात नंगे पैर पैदल चलकर पूरी करनी होगी। इसके लिए युवाओं की टोलियां तैयार हैं, जबकि उनके स्वागत में परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगन भंडारे सज चुके हैं।
इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु राजपुर चुंगी स्थित राजेश्वर महादेव, बल्केश्वर स्थित बल्केश्वर महादेव, सिकंदरा स्थित कैलाश महादेव और शाहगंज स्थित पृथ्वीनाथ महादेव की परिक्रमा करते हैं। साथ ही शहर के मध्य में स्थित रावतपाड़ा स्थित श्रीमन:कामेश्वर महादेव और कलेक्ट्रेट स्थित रावली महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भी दर्शन व पूजन करते हैं।
43 किमी लंबी है नगर परिक्रमा, एक रात्रि में करेंगे पूरी
रविवार को यात्रा शाम पांच बजे से आरंभ हो जाएगी और इसमें शामिल होने बच्चों, युवाओं, पुरुषों के साथ बुजुर्गों की टोलियां घर से भगवान शिव के दर्शन कर निकलेंगी और एक ही रात्रि में पकिक्रमा पूरी करेंगी।
जगह-जगह सजे भंडारे और सेवाकेंद्र
नगर परिक्रमा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग में इस वर्ष भी विभिन्न सेवा शिविरों और भंडारों का आयोजन किया जा रहा है, जो परिक्रमा मार्ग में सज चुकी हैं। इनमें शहर की सामाजिक संस्थाएं, मंदिर समितियां, व्यापारिक संगठन और मोहल्ला समितियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जगह-जगह फल, जल, शीतल पेय, हल्का प्रसाद, भोजन व प्राथमिक चिकित्सा आदि की व्यवस्था करेंगी।
बल्केश्वर, कमला नगर, ताजगंज, सिकंदरा, बाईपास, यमुना किनारा, कलेक्ट्रेट, शाहगंज, बोदला, आदि क्षेत्रों में 150 से अधिक भंडारे सज चुके हैं। कई स्थानों पर डीजे और भजन मंडलियों द्वारा शिव महिमा का गुणगान करते हुए भक्तों को भावविभोर किया जाएगा।
खूब हो रही घूंघरू की बिक्री
नगर परिक्रमा में पुरुष श्रद्धालु शार्ट नेकर और टीशर्ट पहनकर शामिल होते हैं। कुछ श्रद्धालु कमर में छोटी-छोटी घंटियां और धुंधरू बांधकर शामिल होते हैं। उनके चलने पर धुंधरू और घंटियों की ध्वनि सभी में उत्साह का संचार करती है इसलिए परिक्रमा की तैयारी कर रहे श्रद्धालु इनकी खरीदारी करते रहे। साथ ही शिवालयों में भगवान के जलाभिषेक के लिए पीतल की छोटे कलश आदि भी खरीदे गए।
बल्केश्वर मेले का उद्घाटन आज
श्रावण मास के द्वितीय सोमवार पर बल्केश्वर महादेव मंदिर पर भव्य मेले लगेगा। इसकी तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। मेले के लिए बल्केश्वर क्षेत्र सजाकर तैयार है। मंदिर पर रंग-बिरंगी विद्युत सजावट की जा रही है। मंदिर मंहत कपिल नागर ने बताया कि रविवार शाम से ही परिक्रमार्थी बड़ी संख्या में मंदिर में पहुंचकर भगवान का अभिषेक करेंगे। अगले दिन सोमवार को भी पूरे दिन यही स्थिति रहेगी। मंदिर के गर्भगृह में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
गर्भगृह के द्वार से शिवलिंग तक जलधारी की व्यवस्था की गई
श्रद्धालु दूर से शिवलिंग पर जल अर्पित कर सकें, इसके लिए गर्भगृह के द्वार से शिवलिंग तक जलधारी की व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालओं द्वारा अर्पित जल और दुग्ध सीधे बाबा तक पहुंचेगा। मंदिर मे परिक्रमार्थियों को रविवार शाम से ही सीधे प्रवेश मिलेगा, जबकि श्रद्धालुओं को बैरिकेट के माध्यम से मंदिर तक आना होगा।
सोमवार सुबह छह बजे प्रथम पहर की आरती होगी, जबकि रात्रि 10 बजे बाबा की शयन आरती होगी। मेले के लिए क्षेत्र में बाजार के साथ झूले आदि भी सज चुके हैं। मेला सोमवार को लगेगा, लेकिन उद्घाटन रविवार शाम को होगा।
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