Road Accidents: सड़क पर मनमानी और लापरवाही, आगरा पुलिस कमिश्नरेट में 31 दिन में रिकॉर्ड हादसे; 65 लोग खो बैठे जान
आगरा कमिश्नरेट में अक्टूबर में 65 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 48 था। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और लापरवाही हादसों का ...और पढ़ें

ISBT Agra के पास गलत दिशा से हाईवे पर चढ़ती हरियाणा रोडवेज की बस।
जागरण संवाददाता, आगरा। देश के सर्वाधिक दुर्घटना वाले 100 शहरों में शामिल आगरा कमिश्नरेट में इस वर्ष अक्टूबर के महीने में 31 दिन में 65 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसकी तुलना में अक्टूबर 2024 में 120 सड़क हदसे हुए थे। जिसमें 48 लाेगों की मृत्यु हुई थी।
सड़क पर ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर मनमानी और लापरवाही हादसों के पीछे बड़ा कारण है। वहीं आगरा मेट्रो के निर्माण को लेकर इन दिनों पूरा शहर जाम से जूझ रहा है। जाम से बचने के लिए वाहनों को जहां जगह मिल रही है, निकल रहे हैं।
ये भी नियम तोड़ने का एक बड़ा कारण बन चुका है। सबसे ज्यादा अराजकता की स्थिति नेशनल हाईवे पर है। जहां रोडवेज बसें अपनी मनमानी करते हुए जहां चाहें, वहां रुक रही हैं। दूसरी तरफ यातायात पुलिस की प्लानिंग भी फेल साबित हो रही है।
सड़क हादसों के आंकड़े की बात करें तो आगरा के बाद सर्वाधिक 84 हादसे मथुरा में हुए। राहत की बात ये है कि मरने वालो की संख्या कम रही।
आगरा कमिश्नरेट के अलावा मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी के आंकडों पर नजर डालें तो वर्ष 2024 में कुल 315 हादसों में 168 लोगों ने जान गंवाई, जिसकी तुलना में अक्टूबर 2025 में 304 हादसों में 162 लोगों काे अपना जीवन गंवाना पड़ा।
मंडल में हादसों और मरने वालों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम रही। हालांकि आगरा में यह दोनों आंकड़े बढे हैं।
कमिश्नरेट को दुर्घटना शून्य जिला घोषित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत क्रिटिकल कारीडोर बनाने के साथ ही 17 क्रिटिकल कारीडोर टीमें बनाई गई हैं।
कमिश्नरेट में National Highway , Agra Lucknow Expressway, Yamuna Expressway, स्टेट हाईवे समेत अन्य प्रमुख मार्गों पर 212 ब्लैक स्पाॅट चिन्हित किए गए हैं। जिनकी रोड इंजीनियरिंग में बदलाव के साथ ही हादसों काे रोकने के लिए अन्य उपाय किए जा रहे हैं।
कमिश्नरेट में इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के दौरान 1209 सड़क हादसों में 609 लोग अपनी अपनी जान गंवा चुके हैं। डीसीपी यातायात सोनम कुमार के अनुसार दुर्घटना शून्य जिला बनाने के लिए रोड इंजीनियरिंग में बदलाव के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

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