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    राधास्वामी संस्कृति जला रही सास्कृतिक एकता की मशाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 05 Sep 2018 09:48 PM (IST)

    आगरा: पीपलमंडी स्थित राधास्वामी सत्संग हजूरी भवन पर सोमवार मध्य रात से जारी अखंड सत्संग पाठ बुधवार को भी जारी रहा। ...और पढ़ें

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    राधास्वामी संस्कृति जला रही सास्कृतिक एकता की मशाल

    आगरा: पीपलमंडी स्थित राधास्वामी सत्संग हजूरी भवन पर सोमवार मध्य रात से जारी अखंड सत्संग पाठ बुधवार दोपहर संपन्न हुआ। महोत्सव के पांचवे व अंतिम दिन हजूर महाराज की पवित्र समाध पर दादाजी महाराज ने प्रवचन दिए और विनती के साथ समारोह संपन्न हुआ।

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    दोपहर एक बजे दादाजी महाराज ने स्वामीजी महाराज की बानी सार वचन छंद-बंद से आज काज मेरे कीन्हें पूरे-बाजे घट में अनहद तूरे आदि शब्दों का पाठ किया। इससे पूर्व सत्संगियों की टोलियों ने गायन कर माहौल को भक्तिमय कर दिया। जिस पर सत्संगी झूमते रहे।

    परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की जन्म स्थली, साधना स्थली, राधास्वामी मत की प्राकट्य स्थली और स्वामीजी महाराज के इस लोक को त्यागने की साक्षी पन्नी गली के गुरुद्वारे में हजूरी भवन के सत्संगियों के जत्थे उमड़ते रहे। इस दौरान वे कुल मालिक राधास्वामी दयाल स्वामीजी महाराज के चरणों में माथा टेकते रहे।

    स्वामीबाग में बुधवार को 12 से 4 बजे राधास्वामी सत्संग ने हजूरी भवन सत्संगियों को गुरु चरणों में माथा टेकने का अवसर दिया गया। दूसरी ओर स्वामीबाग और दयालबाग के हजारों सत्संगी पीपल मंडी, हजूरी भवन स्थित परम पुरुष पूरन धनी हजूर महाराज की पवित्र समाध पर माथा टेकने पहुंचे। देर शाम तक दोनों केन्द्रों के सत्संगियों की लंबी कतारें लगी रहीं।

    अमृत उपदेश राधास्वामी का लोकार्पण

    द्वि-शताब्दी महोत्सव के समापन पर दादाजी महाराज के समय-समय पर दिए प्रवचनों को संकलित कर अमृत उपदेश राधास्वामी नामक पुस्तक को प्रकाशित किया गया। पुस्तक में 200 छोटे वचनों का भी संकलन है। इसे सत्संगियों के बीच निश्शुल्क वितरित किया गया।

    स्वामीजी महाराज का चादी का सिक्का

    राधास्वामी सत्संग हजूरी भवन, पीपल मंडी ने प्रथम गुरु परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज के द्वि-शताब्दी जन्मोत्सव पर चादी का एक सिक्का भी ढलवाया है। सिक्के पर स्वर्ण पालिश के साथ प्रथम गुरु स्वामीजी महाराज का छवि चित्र भी उकेरा है।