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    सिंघम बन इंस्पेक्टर ने तोड़ डाले थे पांच डंडे, मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा आगरा के थाने में टांगें तोड़ने का मामला

    By Yashpal Singh Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:00 PM (IST)

    आगरा के किरावली में पुलिस द्वारा युवक की टांगें तोड़ने का मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा। कार्यकर्ता ने शिकायत कर जांच की मांग की है। परिजनों का आरोप ...और पढ़ें

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    आगरा के अस्पताल में भर्ती थर्ड डिग्री का पीड़ित।

    जागरण संवाददाता, आगरा। थाने में उल्टा लटकाकर युवक की टांगें तोड़ने का मामला मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने इस मामले की शिकायत आयोग में करते हुए जांच की मांग की है। अभी तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। स्वजन मुकदमा दर्ज कराने पर अड़े हुए हैं।

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    उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों द्वारा अलग-अलग माध्यमों से उन पर समझौते को दबाव बनाया जा रहा है। किरावली क्षेत्र के गांव करहरा के रहने वाले वनवीर सिंह फौजी की पांच अगस्त को हुई हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को पड़ोसी राजू पंडित को थाने में बुलाया था। रात में पुलिसकर्मियों ने उल्टा लटकाकर राजू को डंडों से पीटा। उनके दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं।

    24 घंटे बाद मामला अधिकारियों तक पहुंचा तब एसओ नीरज कुमार, दारोगा धर्मवीर सिंह और बीट सिपाही रवि मलिक को निलंबित कर दिया गया। देर रात राजू को स्वजन ने श्रीराम हास्पिटल में भर्ती करा दिया। उसके दोनों पैरों पर प्लास्टर करना पड़ा है। राजू के चचेरे भाई संजय शर्मा ने बताया कि हास्पिटल से थाने में सूचना दी गई थी।

    इसके बाद जिला अस्पताल के डाक्टरों ने हास्पिटल पहुंचकर मेडिकोलीगल किया। उनका कहना है कि राजू को पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर लिख ली है। वे जल्द ही पुलिस आयुक्त से मिलकर तहरीर देंगे। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा लिखाया जाएगा। वे अलग-अलग माध्यमों से परिवार पर दबाव बना रहे हैं ।

    उनसे कहा जा रहा है कि मुकदमा दर्ज नहीं कराएं। मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की है। उन्होंने मामले को गंभीर प्रकृति का बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और मानवाधिकार आयोग की टीम से मामले की जांच कराने का आग्रह किया है।