कोर्ट के आदेश के बाद भी FIR दर्ज नहीं की, अदालत की नाराजगरी के बाद बुरे फंस गए शाहगंज इंस्पेक्टर
आगरा में चोरी के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति के साथ हिरासत में मारपीट के मामले में इंस्पेक्टर शाहगंज पर अवमानना का खतरा मंडरा रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है और इंस्पेक्टर को स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है। पुलिस द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका एडीजे प्रथम की कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, आगरा। चोरी के आरोपित की हिरासत में पिटाई के आरोपों में अब दो दारोगा ही कोर्ट में फंसे थे। कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन दिन में दारोगाओं पर मुकदमा दर्ज न करने पर अब इंस्पेक्टर शाहगंज विरेश पाल गिरि अवमानना में फंस गए हैं।
उधर, पुलिस द्वारा जिला जज के कोर्ट में दायर रिवीजन अभी स्वीकार नहीं हुआ है। जिला जज ने सुनवाई के लिए रिवीजन एडीजे प्रथम की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया है।
कोर्ट ने दो दारोगा व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे के दिए थे आदेश
शाहगंज पुलिस ने 16 सितंबर को गढ़ी भदौरिया निवासी नितिन उर्फ कालू को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उससे 1120 रुपये बरामद करने वाली पुलिस ने परचून की दुकान से 25 हजार रुपये की चोरी का पर्दाफाश कर दिया था। अदालत में पहुंचते ही आरोपित ने पुलिस हिरासत में मारपीट की कहानी बयां की।
आदेश के बाद भी नहीं लिखा मुकदमा
मेडिकल से पुष्टि होने पर विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चोरी के मुकदमे और आरोपित को गिरफ्तार करने के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना कर रहे दोनों दारोगाओं व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिरासत में मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज करने के आदेश इंस्पेक्टर शाहगंज को दिए थे। साथ ही तीन दिन में एफआईआर की प्रति कोर्ट में भेजने को भी आदेशित किया था। तीन दिन पूरे होने पर भी अदालत में पुलिस ने एफआईआर की प्रति नहीं भेजी।
पुलिस द्वारा दायर रिवीजन अभी नहीं हुआ स्वीकार
कोर्ट ने अब इसे आदेश की अवहेलना माना है। इंस्पेक्टर शाहगंज अदालत की अवमानना मानते हुए कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त और डीजीपी को पत्र भेजा है। इसके साथ ही कोर्ट ने इंस्पेक्टर शाहगंज को निर्देशित किया है कि वह इस संबंध में कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण 24 सितंबर तक रखें। अदालत के रुख से पुलिस में खलबली मच गई है।
अब कोर्ट ने इंस्पेक्टर शाहगंज को किया तलब
पुलिस ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 18 सितंबर के आदेश पर रिवीजन के लिए जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिला जज ने यह रिवीजन एडीजे प्रथम की कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया। यह रिवीजन स्वीकार करने योग्य है या नहीं? इस पर बहस होगी। रिवीजन स्वीकार होने पर कोर्ट सुनवाई के लिए दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करेगी ।
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