आगरा नकली दवा कारोबार पर SIT का शिकंजा: सिंडिकेट तोड़ने के लिए टीम में शामिल किए जाएंगे ये अधिकारी
आगरा में नकली और नशीली दवाओं के सिंडिकेट को जड़ से उखाड़ने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में बनी इस टीम में 15 इंस्पेक्टर व दारोगा शामिल हैं। SIT का लक्ष्य सिंडिकेट में शामिल अपराधियों की पहचान कर उन पर मुकदमा दर्ज करना संपत्ति जब्त करना है। यह सिंडिकेट दिल्ली पंजाब समेत कई राज्यों तक फैला है।

जागरण संवाददाता, आगरा। जिले में नकली-नशीली दवाओं के सिंडिकेट को जड़ से खत्म करने के लिए एक दर्जन से अधिक विभागों की संयुक्त टीम मिलकर काम करेगी। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार द्वारा विशेष जांच दल एसआईटी का गठन किया जा रहा है। जिसमें कमिश्नरेट के 15 तेज तर्रार इंस्पेक्टर व दारोगा को शामिल किया जाएगा।
एसआईटी नकली-नशीली दवाओं के कारोबार के सिडिंकेट में काम करने वाले आगरा और अन्य राज्यों के लोगों को चिन्हित करेगी। उनकी कमर तोड़ने के लिए मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने, संपत्ति जब्त करने समेत अन्य कार्य काे विभागों की मदद से करेगी।
विशेष जांच दल में शामिल होंगे एक दर्जन से अधिक एक दर्जन से विभागों के लोग
जिले में नकली-नशीली, सैंपल की दवाओं का कारोबार पूरी तरह से जड़ें जमा चुका है। यह दिल्ली, पंजाब, चेन्नई, हरियाणा, राजस्थान व उत्तराखंड समेत कई राज्यों तक फैला हुआ है। वहां की पुलिस यहां पर कई बार दबिश देकर सिंडिकेट से जुड़े लोगों का गिरफ्तार कर चुकी है।
हाल ही में एमएम गेट और कोतवाली में करोड़ों की नकली दवाएं एसटीएफ व औषधि विभाग की टीम ने पकड़ा। एक करोड़ रुपये रिश्वत देने आए आरोपित हिमांशु अग्रवाल को एसटीएफ ने जेल भेजा। मामले में कोतवाली में दो और एमएम गेट थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया है।
ताजगंज में भी दवा जलाने का मामला आया सामने
शुक्रवार को ताजगंज क्षेत्र में भी दवाओं को जलाने का मामला सामने आया है। जिस पर औषधि विभाग की टीम ने कार्रवाई की है। इससे पहले सिकंदरा और जगदीशपुरा में पुलिस व एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्रियां पकड़ी थीं। दवा माफिया विजय गोयल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
डीसीपी सोनम कुमार ने दी जानकारी
डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस आयुक्त के निर्देश पर एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिसका प्रभारी अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य सिंह को बनाया जाएगा। एसआइटी में जिले के 15 तेज तर्रार इंस्पेक्टर व दारोगा तैनात किए जाएंगे। टीम कई स्तर पर काम करेगी। वह सिंडिकेट के बारे में शिकायत मिलने पर पहले गोपनीय जांच करेगी। संदिग्धों के बारे में पूरी जानकारी और साद्वय जुटाने के बाद संयुक्त कार्रवाई करेगी।
मुकदमे में बनाए जाएंगे सभी आरोपित
एसआईटी यह जांच करेगी कि नकली दवाओं के कारोबार के सिंडिकेट में कितने लोग शामिल हैं? इसमें माल आपूर्ति करने वाले, कच्चा माल देने वाले, नकली क्यूआर कोड तैयार करने वाले, तैयार माल को खपाने वाले समेत सभी को मुकदमे में आरोपित बनाया जाएगा। जेल भेजने के बाद गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।
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