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    आगरा पुलिस ने किया एटीएम फ्रॉड का खुलासा: CCTV फुटेज की मदद से 5 गिरफ्तार, ऐसे लगाते थे चूना

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 08:58 AM (IST)

    आगरा पुलिस ने एटीएम से धोखाधड़ी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी एटीएम मशीनों में प्लास्टिक की पत्ती लगाकर ग्राहकों के पैसे फंसाते थे। बाद में वे स्वयं उस पत्ती को हटाकर पैसे निकाल लेते थे। पकड़े गए आरोपियों में चार प्रतापगढ़ और एक कासगंज का रहने वाला है। पुलिस ने उनके पास से नकदी एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है।

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    पुलिस ने गिरफ्तार किए एटीएम में पत्ती फंसाकर ग्राहकों की रकम निकालने वाले आरोपित।

    जागरण संवाददाता, आगरा। Agra News: एटीएम की नकदी निकासी के स्थान पर प्लास्टिक की पत्ती लगाकर ग्राहकों की रकम फंसा कर बाद में निकालने वाले गैंग के पांच सदस्यों को कमला नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में मामा-भांजा समेत चार प्रतापगढ़ के और एक कासगंज का निवासी है।

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    शातिरों ने कुछ दिन पूर्व केनरा बैंक के एटीएम से छेड़छाड़ करके पांच ग्राहकों की रकम उड़ाई थी। आरोपित उसी एटीएम को निशाना बनाते थे जहां डाइबोल्ड कंपनी की मशीन लगी होती है।

    चार आरोपित प्रतापगढ़ और एक कासगंज का

    डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि कमला नगर थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें केनरा बैंक की तरफ से आरोप लगाया गया कि 14 व 15 अगस्त को एटीएम से छेड़छाड़ करके ग्राहकों का कैश उड़ाया गया है। जांच में दो संदिग्ध युवक एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुए थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग और सर्विलांस की मदद ली। चिन्हित कर पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से दो रिश्ते में मामा-भांजे हैं।

    यह हुए गिरफ्तार

    पुलिस ने प्रतापगढ़ निवासी मेहताब हसन, जितेंद्र सिंह, रियाज अहमद, इमरान व कासगंज निवासी बादल सोलंकी को गिरफ्तार किया है। जितेंद्र और बादल रिश्ते में मामा-भांजे हैं। इनके पास से एक कार, चार मोबाइल, 12110 रुपये, छह एटीएम कार्ड, दो सफेद प्लास्टिक की पट्टी, 9 काली प्लास्टिक की पट्टी, ईयरफोन जैक आदि सामान बरामद हुआ है।

    डाइबोल्ड कंपनी की मशीन करते थे चिन्हित

    आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि आमतौर पर एटीएम से रुपये निकालने के दौरान ग्राहक को कैश नहीं मिलने पर रुपया मशीन में वापस चला जाता है। डाइबोल्ड कंपनी की मशीन में ऐसा नहीं होता। वे कैश निकासी वाली जगह मशीन का हुड खोलकर अंदर प्लास्टिक की पट्टी चिपका देते थे। जिससे कैश बाहर नहीं निकलता था।

    मामा भांजा साथियों संग करते थे वारदात

    ग्राहक यह सोचकर लौट जाता था कि मशीन में कैश नहीं होगा। ग्राहक के जाने के बाद वह पत्ती हटाकर कैश निकाल लिया करते थे। इस तरह उन्होंने पांच ग्राहकों के करीब 26 हजार रुपये उड़ाए थे। गैंग पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं।