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    Agra News: पुलिस ने गड्ढे में दबा दी 5600 लीटर शराब, जेसीबी से खोदा गया था गड्ढा

    By Yashpal SinghEdited By: Tanu Gupta
    Updated: Sun, 02 Oct 2022 02:29 PM (IST)

    Agra News आगरा में एत्मादपुर पुलिस ने शराब तस्करी अभियानों के दौरान जब्त की थी 5600 मीटर शराब। मामले में लिखे गए थे 29 मुकदमे। शराब कार्टन गड्ढे में डाले और जेसीबी से बोतलों को तोड़ दिया गया।

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    एत्मादपुर क्षेत्र में शराब का विनिष्टीकरण करवाते पुलिस अधिकारी।

    आगरा, जागरण संवाददाता। एत्मादपुर क्षेत्र में पुलिस ने शनिवार को जेसीबी से गड्ढा खोदवाया। इसके बाद इसमें शराब के कार्टन डालकर 5600 लीटर शराब नष्ट करा दी। आगरा पुलिस ने ऐसा न्यायालय के आदेश पर किया है। यह शराब 29 मुकदमों से संबंधित थी।

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    इस तरह हुआ अवैध शराब का विनिष्टीकरण

    शराब तस्करी रोकने को पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती रहती है। इन अभियानों के दौरान पिछले वर्षों में एत्मादपुर पुलिस ने 5600 लीटर शराब जब्त की थी। इसके संबंध में 29 मुकदमे लिखे गए। तस्करों से बरामद शराब थाने के मालखाने में रखी थी। अब न्यायालय ने इस शराब के विनिष्टीकरण के आदेश दिए थे। इसके बाद शनिवार शाम को एत्मादपुर के मोहल्ला सतोली रेलवे लाइन के पास खाली पड़े मैदान में पुलिस ने जेसीबी मंगवाई। जेसीबी से गहरा गड्ढा खोदा गया। एसडीएम अभय सिंह, सीओ रवि कुमार गुप्ता समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए।थाने के मालखाने से यहां 5600 लीटर शराब मंगवाई गई। शराब कार्टन में रखी थी। पुलिस ने कार्टन गड्ढे में डाले और जेसीबी से इनमें रखी शराब की बोतलों को तोड़ दिया गया। पुलिस द्वारा शराब विनिष्टीकरण की कार्रवाई किए जाने के दौरान आसपास के लोग भी पहुंच गए। सीओ एत्मादपुर रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने शराब विनिष्टीकरण की कार्रवाई की है।

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    यह हैं शराब विनिष्टीकरण के नियम

    थाने में मुकदमों से संबंधित शराब के विनिष्टीकरण के लिए थाना प्रभारी द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया जाता है। इसमें निवेदन किया जाता है कि थाने में मुकदमे से संबंधित शराब रखी है। इसके खुर्द-बुर्द होने की आशंका है। थाने में जगह भी कम है। इसलिए माल रखने में परेशानी हो रही है। थाना प्रभारी के प्रार्थना पत्र पर विचार कर न्यायालय द्वारा नियमानुसार विनिष्टीकरण के आदेश किया जाता है। इसके बाद मजिस्ट्रेट और पुलिस के राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारी की टीम बनाई जाती है।इसमें न्यायालय का प्रतिनिधि भी शामिल रहता है। खाली स्थान पर गड्ढा करने के बाद शराब की बोतलों को तोड़ा जाता है। इसके बाद इसे मिट्टी में दबा दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है। इसके बाद पुलिस इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करती है। 

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