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    UP News: पुलिस साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य, फेल होने पर दोबारा देनी पड़ेगी परीक्षा

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 02:15 PM (IST)

    आगरा पुलिस साइबर अपराध से निपटने के लिए अपने कर्मियों को प्रशिक्षित कर रही है। इंस्पेक्टरों और दारोगाओं के लिए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य है। प्रशिक्षण के बाद परीक्षा होगी जिसमें असफल होने पर दोबारा प्रशिक्षण लेना होगा। पुलिस कमिश्नर ने साफ़ किया है कि बिना प्रशिक्षण के थानों का चार्ज नहीं मिलेगा। इससे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को तैयार किया जा रहा है। थाना प्रभारियों के साथ ही इंस्पेक्टर क्राइम, दारोगा और साइबर डेस्क पर तैनात सिपाहियों के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़ा प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मी कितने दक्ष हुए हैं, इसकी परख अफसर परीक्षा के जरिए करेंगे। परीक्षा में फेल होने पर दोबारा प्रशिक्षण लेना होगा।

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    साइबर अपराध हररोज बढ़ रहा है। ऐसे में पुलिस विभाग भी साइबर अपराधियों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। थानों में साइबर सैल को मजबूर करने की कवायद चल रही है। इसी के तहत साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण की व्यवस्था पुलिसकर्मियों के लिए की गई है।

    पहले चरण में सभी थाना प्रभारियों के साथ ही इंस्पेक्टर क्राइम के साथ ही साइबर सैल डेस्क पर तैनात सिपाहियों को प्रशिक्षण लेना होगा। साइबर एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देंगे। करीब एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों को परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा के जरिए अफसर ये परखेंगे कि पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण में क्या सीखा। औसत से कम नंबर लाने वाले पुलिसकर्मियों को पुन: प्रशिक्षण लेना होगा।

    प्रशिक्षण लिए बिना नहीं मिलेगा थानों का चार्ज

    साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण को लेकर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार गंभीर हैं। करीब एक महीने में सभी इंस्पेक्टर, दारोगा और साइबर डेस्क से जुड़े सिपाहियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। पुलिस कमिश्नर ने पहले ही साफ कर दिया है कि साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण न लेने वाले इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को थानों का चार्ज नहीं मिलेगा।

    प्रशिक्षण से ये होंगे फायदे

    साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण लेने से पुलिसकर्मी साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने में और दक्ष होंगे। थानों में साइबर डेस्क के मजबूत होने से मामलों की विवेचना में आसानी होगी। साथ ही साइबर थाने और साइबर सैल से पर मुकदमों का दबाव कम होगा। अपराधियों की गिरफ्तारी का ग्राफ भी बढ़ेगा।

    साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण हर पुलिसकर्मी के लिए अनिवार्य है। कमिश्नरेट में इसकी शुरुआत हो गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों की परीक्षा होगा, जिससे से देखा जाएगा कि आखिर उन्होंने प्रशिक्षण में क्या सीखा।

    -सोनम कुमार, डीसीपी सिटी।