आगरा में हाईवे पर अब मिलेगी कुछ राहत, दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा Northern Bypass
आगरा में उत्तरी बाइपास का इंतजार अब खत्म होने वाला है। 400 करोड़ रुपये की लागत से बना 14 किमी लंबा यह बाइपास दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाएगा। हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करने का काम चल रहा है। इसके शुरू होने से खंदौली पहुंचने में कम समय लगेगा और सिकंदरा चौराहा पर वाहनों का दबाव भी कम होगा।

आगरा में बना उत्तरी बाइपास। फोटो:जागरण
जागरण संवाददाता, आगरा। सात माह के लंबे इंतजार के बाद उत्तरी बाइपास दिसंबर के दूसरे सप्ताह में चालू होगा। बाइपास के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करने का कार्य चालू हो गया है। यह कार्य दो सप्ताह में पूरा हो जाएगा।
बाइपास नेशनल हाईवे-19 स्थित रैपुरा जाट को मिडावली हाथरस रोड से जोड़ रहा है। 400 करोड़ रुपये से 14 किमी लंबा बाइपास बना है। बाइपास चालू होने से खंदौली पहुंचने में 20 मिनट का समय लगेगा। सिकंदरा चौराहा पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।
10 साल पूर्व उत्तरी बाइपास के निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ था। सर्वे के एक माह के बाद प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। सिकंदरा चौराहा पर जाम की समस्या बढ़ने पर वर्ष 2019 में फिर से सर्वे शुरू हुआ।
वर्ष 2021 में टेंडर हुआ और 2022 में 14 किमी लंबे बाइपास का निर्माण चालू हुआ था। यह कार्य 31 मार्च 2025 तक पूरा होना था। कार्य की गति धीमी होने पर दो बार समय सीमा को बढ़ा दिया गया।
सबसे बड़ी समस्या दो हाईटेंशन लाइन की कम ऊंचाई के चलते आ गई। मई तक निर्माण पूरा होने के बाद भी बाइपास चालू नहीं हुआ।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने बिजली विभाग को छह पत्र लिखे। एक हाईटेंशन लाइन को साढ़े तीन माह पूर्व शिफ्ट किया गया। अब दूसरी लाइन को शिफ्ट किया जा रहा है।
इस लाइन से मथुरा रिफाइनरी को बिजली की आपूर्ति होती है। एनएचएआइ के एक अधिकारी ने बताया कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक उत्तरी बाइपास चालू होगा।

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