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    एसडीएम सदर और वकील भिड़े, हंगामा

    जागरण संवाददाता, आगरा : तहसील सदर में हैसियत प्रमाण पत्र को लेकर एसडीएम सदर और वकीलों में भिड़ंत हो गई। एसडीएम के समर्थन में तहसील स्टाफ आ गया। चैंबर के बाहर स्टाफ और वकील आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में गाली गलौज हुई। एक घंटे तक हंगामा चलता रहा।

    By JagranEdited By: Updated: Wed, 07 Mar 2018 01:09 AM (IST)
    एसडीएम सदर और वकील भिड़े, हंगामा

    जागरण संवाददाता, आगरा : तहसील सदर में हैसियत प्रमाण पत्र को लेकर एसडीएम सदर और वकीलों में भिड़ंत हो गई। एसडीएम के समर्थन में तहसील स्टाफ आ गया। चैंबर के बाहर स्टाफ और वकील आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में गाली गलौज हुई। एक घंटे तक हंगामा चलता रहा।

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    आबकारी विभाग में शराब के ठेके के लिए चरित्र और हैसियत प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया था। कलक्ट्रेट में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया था, लेकिन इसके बाद भी वसूली की शिकायतें सामने आई। जांच के नाम पर खेल किया गया। पिछले दिनों अधिवक्ता भगवान सिंह ने इसकी शिकायत एसडीएम श्यामलता आनंद से की। होली के बाद तहसील बार एसोसिएशन ने एसडीएम से मिलने का समय लिया। मंगलवार सुबह 11 बजे पत्र भेजा गया। एक घंटे बाद एक कर्मचारी वकीलों के पास पहुंचा और साढ़े तीन बजे एसडीएम से मिलने का समय बताया। तहसीलदार सदर रजनीकांत ने वकीलों को फोन कर बैठक की जानकारी दी। निर्धारित समय पर अधिवक्ता भगवान सिंह के अलावा 15 वकील एसडीएम सदर के कक्ष में पहुंचे।

    आरोप है कि हैसियत प्रमाण पत्र में वसूली को लेकर एसडीएम भड़क गईं। इस बीच कई लेखपाल और कर्मचारी कक्ष में पहुंच गए। दोनों पक्षों में तनातनी हो गई। मामला बढ़ता देख वकील कक्ष से बाहर आ गए। वकील राजेंद्र कुलश्रेष्ठ कक्ष में रह गए। उनसे कर्मचारियों ने अभद्रता की। कक्ष के बाहर निकलते ही वकीलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। तहसील स्टाफ ने भी इसका जवाब दिया। हंगामा शुरू हो गया। जो शाम साढ़े चार बजे तक चला। लेखपाल और कर्मचारियों ने वकीलों को घेर लिया। वकील बमुश्किल बाहर निकल सके। तहसील स्टाफ ने वकीलों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। वहीं आक्रोशित वकील हड़ताल पर चले गए हैं। तहसील सदर के लेखपाल और अमीन भी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी अधिवक्ता भगवान सिंह द्वारा माफी मांगने पर अड़े हुए हैं। बुधवार से हड़ताल जिला स्तरीय भी हो सकती है। बुधवार को कर्मचारियों और वकीलों की दोपहर में अलग-अलग बैठक बुलाई गई है।

    मारपीट होने से बची

    तहसील स्टाफ और वकीलों में मारपीट की नौबत आ गई थी, लेकिन कुछ समझदार कर्मचारियों ने बीच बचाव कराया। वकीलों और प्रशासनिक अफसरों ने विवाद की जानकारी डीएम गौरव दयाल को दी है।

    - वकीलों की जो भी शिकायतें हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाता है। कुछ वकीलों द्वारा दबाव बनाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं।

    श्यामलता आनंद, एसडीएम सदर

    - एसडीएम का व्यवहार वकीलों के प्रति अच्छा नहीं है। मंगलवार को यह साबित भी हो गया। वकीलों से कर्मचारियों ने हद दर्जे की अभद्रता की।

    लाल बहादुर, सचिव तहसील बार एसोसिएशन