Agra Janakpuri Dispute: राजा दशरथ को नहीं मिला बड़हार का आमंत्रण, जनकपुरी महोत्सव में टूटी परंपरा
आगरा के जनकपुरी महोत्सव में उस समय विवाद हो गया जब राजा दशरथ को बड़हार की दावत का औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला। राजा जनक ने दावत दी पर राजा दशरथ श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष और महामंत्री शामिल नहीं हुए। राजा दशरथ स्वरूप ने निमंत्रण न मिलने और मंच पर अव्यवस्था का आरोप लगाया। इस घटना से लोगों में असंतोष है और वे इसे परंपरा का टूटना मान रहे हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। उत्तर भारत की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक श्रीरामलीला महोत्सव का सबसे भव्य आयोजन, जनकपुरी महोत्सव विवादों में घिर गया है। सदियों पुरानी परंपराओं के बीच शुक्रवार को वाटर वर्क्स स्थित अग्रवन में राजा जनक स्वरूप राजेश अग्रवाल ने ब़ड़हार की दावत दी, लेकिन इसमें न राजा दशरथ स्वरूप अजय अग्रवाल शामिल हुए, न ही श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और महामंत्री राजीव अग्रवाल ही पहुंचे। राजा दशरथ के स्वरूप ने बड़हार की दावत में न जाने का औपचारिक आमंत्रण न मिलने को बताया।
गुरुवार को राजा दशरथ परिवार को मंच पर झेलनी पड़ी थी असहज स्थिति
एक वीडियो संदेश में राजा दशरथ बने अजय अग्रवाल ने स्पष्ट कहा कि बड़हार की दावत का औपचारिक आमंत्रण नहीं मिला। राजा जनक स्वरूप ने लग्न के समय बरात लाने का न्योता दिया था, लेकिन बड़हार की दावत का न्योता अलग से दिया जाना चाहिए था।
इसलिए मैं कार्यक्रम में नहीं गया। कार्यक्रम में हमारी अनुपस्थिति पर प्रश्न उठे, तो राजा जनक स्वरूप राजेश अग्रवाल ने दोपहर 3:23 बजे फोन करके आने को कहा, लेकिन दावत दोपहर 12 से शाम चार बजे तक होनी थी इसलिए कार्यक्रम समापन पर मेरा जाना उचित नहीं था। इसलिए मैं बड़हार की दावत में नहीं गया। बिना आमंत्रण के दावत में शामिल होना आयोजन की परंपरा और शिष्टाचार, दोनों के विपरीत है।
मिथिला महल मंच की व्यवस्थाओं पर उठाई उंगलियां
उन्होंने गुरुवार को मिथिला महल के मंच पर फैली अव्यवस्थाओं को लेकर भी प्रश्न उठाए। उनका कहना था कि मंच पर राजा दशरथ स्वरूप के बैठने का स्थान निर्धारित है, लेकिन गुरुवार को वह राजा दशरथ स्वरूपों के बैठने के स्थान पर परिवार सहित बैठ गए, जबकि हमें उनके स्थान पर खंबों के पीछे बैठना पड़ा और स्वरूप श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं दे पाए।
आयोजन में शामिल होने के लिए परिवार लंदन से आया था। फिर भी उन्हें असहज स्थिति झेलनी पड़ी। मंच की व्यवस्थाएं संभालने में आयोजन समिति पूरी तरह विफल रही है। दो पार्षदों का उपद्रव मचा है, हर किसी से बदतमीजी और अभद्रता कर रहे हैं। अपना हित साधकर लाखों के बारे-न्यारे कर रहे हैं।
भावनाएं हुई आहत, बढ़ा असंतोष
सिर्फ राजा दशरथ स्वरूप ही बड़हार की दावत में नहीं पहुंचे। श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और महामंत्री राजीव अग्रवाल भी राजा जनक स्वरूप की बड़हार दावत में शामिल नहीं हुए। इसको लेकर आयोजन से जुड़े लोगों के साथ क्षेत्रीय लोगों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। साथ ही कई लोग इसे परंपरा टूटने व भावनाएं आहत होने की बात कह रहे हैं।
जनकपुरी कमेटी अध्यक्ष पहुंचे मनाने
मामले में विवाद बढ़ा, तो जनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति में खलबली मच गई। आनन-फानन में जनकपुरी आयोजन समिति के अध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल मेरे पास आए और राजा जनक के व्यवहार को लेकर खेद जताया। साथ ही जनक मंच पर यथा स्थान पर बैठने का आश्वासन दिया। इसके बाद राजा दशरथ स्वरूप ने आश्वासन दिया कि शुक्रवार के आयोजन में मैं उपस्थिति रहूंगा। पहले मैं तय कर चुका था कि कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा।
महत्वपूर्ण आयोजन है बड़हार की दावत
जनकपुरी महोत्सव में बड़हार की दावत विशेष महत्व रखती है। इसका आयोजन राजा जनक स्वरूप के द्वारा किया जाता है, जिसमें श्रीराम-सिया व अन्य स्वरूपों के साथ रामलीला कमेटी, जनकपुरी आयोजन समिति के साथ राजा दशरथ स्वरूप के परिवार को भी विशेष रूप से व्यक्तिगत रूप से औपचारिक आमंत्रित किया जाता है।
शुक्रवार को जब बड़हार की दावत हुई, तो राजा दशरथ स्वरूप को व्यक्तिगत आमंत्रण पत्र नहीं दिया गया। हालांकि राजा जनक स्वरूप ने फोन करके उन्हें बुलाया, लेकिन औपचारिक आमंत्रण न मिलने पर राजा दशरथ ने भाग लेने से इनकार कर दिया।
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