Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Agra News: आयोग अध्यक्ष के सामने बिजली दरें बढ़ाने का विरोध, व्यापारी बोले- 'दर बढ़ीं तो उत्पादित वस्तुएं होंगी महंगी'

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 08:35 AM (IST)

    आगरा में बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि का व्यापारियों और उद्यमियों ने विरोध किया। जनसुनवाई में उन्होंने कहा कि लाइन लॉस कम होने के बावजूद दरें बढ़ाई जा रही हैं जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और व्यापार प्रभावित होगा। किसानों ने नलकूपों पर बिजली आपूर्ति की मांग की वहीं निजीकरण का भी विरोध किया गया। संघर्ष समिति ने निजीकरण का प्रस्ताव रद्द करने की मांग की।

    Hero Image
    जनसुनाई करते दायीं ओर से दूसरे, विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार, प्रबंध निदेशक नीतीश कुमार व अन्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। बिजली दरें बढ़ाए जाने पर सुनवाई के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार खंदारी स्थित आरबीएस कालेज के सभागार में मौजूद रहे। व्यापारी हों या फिर उद्यमी, किसान हों या फिर आमजन सभी ने एक स्वर में बिजली दरें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया। तर्क दिया कि शहरी क्षेत्र में लाइनलास घटकर चार प्रतिशत पर आ गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिजली दरें बढ़ाए जाने के बजाय कम की जानी चाहिए। अगर बिजली दरें बढ़ाई गई तो उत्पादन महंगा होगा, इस प्रतिस्पर्धा के दौर में प्रदेश का व्यापारी, उद्योगी और आम आदमी पिछड़ जाएगा। जनसुनवाई से पहले प्रबंध निदेशक नीतीश कुमार ने पूरा ब्योरा पेश किया।

    व्यापारी-उद्यमी बोले लाइन लॉस घट कर हुआ चार प्रतिशत, तो दरें हाें कम

    जनसुनवाई में फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह सोबती ने बिजली दरों का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी वृद्धि से राज्य में उत्पादित वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे न केवल प्रतिस्पर्धा के इस युग में व्यापार प्रभावित होगा, बल्कि राजस्व की हानि भी होगी। यही नहीं प्रदेश में रोजगार के अवसर कम होंगे। प्रदेश का विकास भी प्रभावित होगा।

    ट्रिपिंग एवं लाइन लास को कम करने के लिए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) को भी अपनी लाइन भूमिगत करनी चाहिए। जिससे ग्रामीण क्षेत्र भी लाभान्वित हो सकें। वहीं प्रीपेड मीटर एक वैकल्पिक व्यवस्था हो न कि अनिवार्य।

    बिजली दरें बढ़ी तो उत्पादित वस्तुएं होंगी महंगी

    फेडरेशन ऑफ उद्योग व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेश अग्रवाल एवं कार्यवाहक अध्यक्ष रवींद्र अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रदेश में विद्युत चोरी रोकी जाय एवं जिन अधिकारियों की मिली भगत से चोरी होती है, उनको चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

    ताज ट्रिपेजियम के अन्तर्गत उद्योगों को कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। नियामक आयोग को इसमें पहल करके एलएमवी 6 के नये कनेक्शन जारी हो सके। अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में बिजली के टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।

    लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता ने प्रस्तावित वृद्धि का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश में पहले से ही बिजली दरें अन्य प्रदेश मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड की तुलना में अधिक हैं। ऐसे में बिजली दरों में बढोत्तरी निश्चित तौर पर कई मायनों में प्रदेश के विकास में हितकर नहीं होगी।

    प्रदेश के हित में नहीं होगा बिजली की दरें बढ़ाना

    लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि प्रस्तावित बिजली दरें बढ़ाना किसी स्थिति में प्रदेश के लिए हितकर नहीं होगा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि बिजली दरें बढ़ने से हर चीज महंगी होगी। इनके अलावा अन्य एसोसिएशन और संगठन के उद्यमी और व्यापारियों ने प्रस्तावित बिजली दरों में वृद्धि का पुरजोर विरोध किया।

    किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने किसानों की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि नलकूप पर रात्रि के समय भी बिजली की व्यवस्था की जाए। जिससे खेती की रखवाली कर सकें। ज्यादा नहीं तो सिंगल फेस ही लाइट दी जाए।

    मुर्दाबाद के लगे नारे

    भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह लवानिया ने इस अवसर पर टोरेंट के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। साथ ही आयोग के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल भी यही पंचायत हुई थी, तब भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला था, और अब भी नहीं निकलेगा।

    अगर है दम तो नलकूप पर 20 लाख रुपये तक के बकाए का समाधान निकाले। नहीं तो गोली मार दें, जिससे किसान मर जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम परेशान हो गए हैं। अब और हिम्मत नहीं है। समाधान नहीं निकाला गया तो आयोग के अध्यक्ष का घेराव करने की घोषणा कर दी। थोड़ी ही देर बाद वे सभागार से आयोग मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बाहर निकल गए।

    किसी एक स्थान के आधार पर तय नहीं होंती दरें

    जनसुनवाई के बाद आखिर में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार कई सवालों का जवाब दिया। कहा कि आगरा में लाइनलास कम हुआ है, इसके आधार पर घाटा या मुनाफा निर्धारित नहीं हो सकता, वह तो वितरण कंपनी के लाभ और हानि के आधार पर ही तय होता है।

    सिक्योरिटी मनी के विषय पर उन्होंने कहा कि प्री-पेड मीटर लगवाए जाने पर इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो समय पर बिल जमा करते हैं, उन्हें एक प्रतिशत का लाभ दिया जाता है। उन्होंने 20 प्रतिशत बिजली चोरी को माना।

    नलकूप प्रस्ताव से है अलग

    आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि बिजली दरें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव से नलकूप कनेक्शनों को अलग रखा गया है। साथ ही उन्होंंने पीएम घर सूर्य योजना के विषय में कहा कि इस योजना को प्रमोट करना है। आगरा में 150 आवेदन आएं हैं, जिनमें से मात्र 22 पर ही काम हो सका है। इस पर उन्होंने प्रबंध निदेशक नीतीश कुमार को समय पर इस योजना काम किए जाने के निर्देश दिए।

    निजीकरण का भी हुआ विरोध

    किसान और आम लोगों ने इस दौरान निजीकरण का विरोध किया। सुझाव दिया कि केवल बकाए पर फोकस किया जाए, तो निजी कंपनियों से बेहतर बिजली सप्लाई मिल सकेगी। कई मामलों में निजी हाथों में जहां पर बिजली दी गई है, वहां पर उपभोक्ताओं की अच्छी स्थिति नहीं है। जनसुनवाई में संघर्ष समिति ने विद्युत नियामक आयोग से निजीकरण का प्रस्ताव रद्द करने की मांग की। ज्ञापन दिया गगा।

    संघर्ष समिति के साथ उपभोक्ता परिषद और सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं ने उप्र में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को जन विरोधी बताते हुए निजीकरण का निर्णय वापस लेने की मांग की।

    comedy show banner
    comedy show banner