Agra News : जामा मस्जिद की सीढ़ियों की हो खोदाई, दबा है केशवदेव का विग्रह, 31 तक देना होगा जवाब
लघु वाद न्यायाधीश के न्यायालय से इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद आगरा किला के सचिव/मुतवल्ली मो. जाहिद निवासी मंटोला छोटी मस्जिद दीवान खास जहांआरा बेगम मस्जिद आगरा किला के मुतवल्ली उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान मथुरा के सचिव को नोटिस जारी किए गए।
जागरण संवाददाता, आगरा : श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने जामा मस्जिद की सीढ़ियों की खोदाई को न्यायालय में वाद दायर किया है। न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे केशवदेव का प्राचीन विग्रह दबा हुआ है। सीढ़ियों की खोदाई कर केशवदेव विग्रह को निकलवाया जाए। न्यायालय ने चार प्रतिवादियों को 31 मई तक अपना पक्ष रखने को नोटिस जारी किया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट का गठन मथुरा के कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन महाराज के संरक्षण में किया गया है। ट्रस्ट ने 11 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन सुधा यादव की अदालत में वाद दायर किया था। उनके अवकाश पर होने की वजह से लघु वाद न्यायाधीश भारतेंदु कुमार के न्यायालय में यह मामला स्थानांतरित हो गया था।
सोमवार को लघु वाद न्यायाधीश के न्यायालय से इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद आगरा किला के सचिव/मुतवल्ली मो. जाहिद निवासी मंटोला, छोटी मस्जिद दीवान खास जहांआरा बेगम मस्जिद आगरा किला के मुतवल्ली, उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान मथुरा के सचिव को नोटिस जारी किए गए।
कमला नगर स्थित डीडी स्वीट्स में प्रेसवार्ता करते हुए ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने कहा कि अप्रैल में आगरा में भागवत कथा में उन्होंने मुस्लिम समाज से भाईचारे की अपील करते हुए सीढ़ियों की खोदाई को समर्थन मांगा था। सीढ़ियों की खोदाई का व्यय भी वहन करने की बात कही थी, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। अब वह संविधान प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए न्यायालय पहुंचे हैं।
अभी भी समय है। 31 मई तक जामा मस्जिद की सीढ़ियों की खोदाई की मांग को समर्थन देकर मुस्लिम धर्मगुरु और मस्जिद से जुड़े पदाधिकारी बड़ा दिल दिखाएं। मस्जिद की सीढ़ियां खोदे जाने से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने न्यायालय से जन्माष्टमी से पहले निर्णय देने को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की, जिससे कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों में केशवदेव का विग्रह निकलने पर जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा सके।
ट्रस्ट की लीगल टीम के सदस्य कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह रावत, विनोद शुक्ला, कृष्णा रावत, दिलीप दुबे, नितिन शर्मा, अनुराग शुक्ला, योगेश शर्मा, कृष्णा कुमार रावत, अमित जैन मौजूद रहे।
इन्होंने दायर किया है वाद
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज पांडे निवासी आयुर्विज्ञान नगर एंड्रयूगंज दक्षिणी दिल्ली, ट्रस्ट के सचिव पियूष गर्ग निवासी प्रोफेसर कालोनी कमला नगर आगरा, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कृष्ण शर्मा निवासी अरतौनी आगरा की ओर से यह वाद दायर किया गया है।
न्यायालय में दिए हैं यह साक्ष्य
वर्ष 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में हिंदू जनमानस के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बने प्राचीन ठाकुर केशवदेव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी। मथुरा हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थान है, यह जानते हुए भी औरंगजेब ने इसका नाम बदलकर इस्लामाबाद कर दिया था।
औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर से मूर्तियों को ले जाकर आगरा स्थित जहांआरा बेगम की मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया।
केशवदेव मंदिर को तोड़ने और मूर्तियों को आगरा की मस्जिद में दबाए जाने का विवरण औरंगजेब के दरबारी मुस्ताक खान की फारसी में लिखित पुस्तक मआसिर-ए-आलमगीरी में मिलता है।
-विदेशी लेखक फ्रेंकोस गौटियर की पुस्तक औरंगजेब आइकोनोलिज्म समेत कई भारतीय इतिहासकारों की पुस्तकों में भी इसका उल्लेख है।
जहांआरा की मस्जिद को बताया शाही मस्जिद ईदगाह
न्यायालय में ट्रस्ट ने प्रार्थना की है कि छोटी मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) को वर्तमान में शाही मस्जिद, ईदगाह के नाम से जाना जाता है। उसकी सीढ़ियों के नीचे केशव देव का विग्रह दबा हुआ है। जामा मस्जिद आगरा किला के नजदीक और शाही मस्जिद ईदगाह मोहनपुरा में है। ट्रस्ट की लीगल टीम में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने बताया कि विदेशी लेखक ने अपनी पुस्तक में जहांआरा की मस्जिद को ही शाही मस्जिद ईदगाह लिखा है।
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