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    एक लाख के किसान विकास कर्ज का 49 हजार में निपटारा कर किसान को मिली राहत

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 09:52 PM (IST)

    आगरा में राष्ट्रीय लोक अदालत में 6.56 लाख से अधिक वादों का निपटारा किया गया। सालों से बैंक के चक्कर काट रहे किसानों को राहत मिली। जनपद न्यायाधीश संजय कुमार मलिक ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लोक अदालत में दीवानी तहसील बैंक मोबाइल कंपनी और राजस्व विभाग से जुड़े मामले निपटाए गए। चालान निस्तारण के लिए भारी भीड़ उमड़ी और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गई।

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    एक लाख के किसान विकास ऋण का 49 हजार में निपटारा कर किसान को मिली राहत। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा । चार साल से बैंक के चक्कर काट रहे किसान नत्थीलाल राष्ट्रीय लोक अदालत में आने के बाद मंद -मंद मुस्कुराते हुए ईश्वर से अपने सीने से कर्ज का बोझ हटने का धन्यवाद कर रहे थे। उनके द्वारा लिए गए किसान विकास ऋण का मात्र 49 हजार में निस्तारण हो गया था।

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    लोक अदालत में शनिवार को ऐसे 6.56 लाख से अधिक वादों का दोनों पक्षों की सहमति से निस्तारण कराया गया। लंबे समय से अपने वादों के चलते बैंकों,फाइनेंस कंपनियों और कोर्ट के चक्कर काट रहे लाखों लोगों को वादों के निस्तारण का लाभ मिला।

    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर शनिवार को जनपद में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश संजय कुमार मलिक द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। लोक अदालत में जनपद न्यायालय, तहसील न्यायालय, बैंक, मोबाइल कंपनियों और राजस्व विभाग से जुड़े मामलों का व्यापक स्तर पर निस्तारण किया गया।

    इस बार पुलिस कमिश्नरेट में वाहनों के चालान और अन्य वादों का भी निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। सुबह से ही दीवानी परिसर समेत अन्य न्यायालयों में वादकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। यातायात पुलिस और एसएसएफ के जवानाें ने यातायात और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली। अधिवक्ताओं ने भी लोक अदालत को सफल बनाने में पूरा सहयोग किया।

    चालान निस्तारण को लगी भीड़

    लोक अदालत में वाहनों के चालान के निस्तारण के लिए रिकार्ड भीड़ एकत्रित हो गई। अधिकतर लोगों ने निस्तारण के लिए पूर्व में प्रार्थनापत्र नहीं दिए थे। इसके चलते लोगों को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। न्यायिक कर्मचारियों ने काफी मेहनत के साथ कार्य कर माहौल संभाला। 8,141 चालानों का समझौते से निस्तारण किया गया।

    न्यायिक अधिकारियों के अलावा बैंकों, मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, पराविधिक स्वयंसेवक, मीडियाकर्मी, वादकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। वाद निस्तारण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए पूछताछ केंद्र और पुलिस बल की समुचित व्यवस्था की गई थी।

    कुल वाद निस्तारित: 6,56,167

    दिवानी/फौजदारी/अन्य न्यायालयों द्वारा निस्तारित वाद: 69,157

    जुर्माना राशि अधिरोपित: ₹2,23,64,284/-

    राजस्व संबंधी वाद (तहसील/कलेक्ट्रेट स्तर): 3,05,192

    ट्रैफिक चालान: 8,141

    प्री-लिटिगेशन वाद: 2,71,076

    बैंक और फाइनेंस कंपनियों से जुड़े वाद: 1,476

    उपभोक्ता फोरम/स्थायी लोक अदालत आदि द्वारा निस्तारित वाद: 21

    मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा निस्तारित वाद: 175

    परिवार न्यायालय द्वारा निस्तारित वाद: 155

    निस्तारित धनराशिमोटर दुर्घटना दावा अधिकरण - 16,33,96,166 रुपये

    बैंक व फाइनेंस कंपनियों से जुड़े वाद - 14,14,00,000 रुपये

    न्यायालयों द्वारा अधिरोपित जुर्माना- 2,23,64,284 रुपये

    उपभोक्ता फोरम/स्थायी लोक अदालत- 5,74,788 रुपये

    प्री-लिटिगेशन (अन्य) समझौता धनराशि- 87,106 रुपये

    कुल - 33,08,12,358 रुपये