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    किशोरी से दुष्कर्म के बाद की मारपीट, दोषी को 20 साल की सजा और 37 हजार जुर्माना

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 08:54 AM (IST)

    आगरा में एक अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को 20 साल की कैद और 37 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी ने 2021 में एक 13 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। एक अन्य मामले में बाइक चोरी के दोषी को भी साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उस पर 8000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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    किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कारावास। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा । किशोरी के साथ दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट व धमकी देने के मामले में न्यायालय ने आरोपित को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। दोषी को 37 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। एत्मादपुर पीड़ित किशोरी के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि चार जुलाई 2021 को 13 वर्षीय बेटी घर में थी।

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    घर में घुसकर की गंदी हरकत

    एत्मादपुर का ही रंजीत घर में घुस आया और बेटी से छेड़छाड़ करने लगा। बेटी के चीखने-चिल्लाने पर माता-पिता छत से नीचे आए और पुत्री को बचाने का प्रयास किया। इस पर युवक ने पीड़िता की मां के साथ मारपीट की और भाग निकला। पांच जुलाई 2021 को पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

    चिकित्सीय परीक्षण और पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में पाक्सो एक्ट, दुष्कर्म व धमकी देने की धारा बढ़ाई। पुलिस ने 26 अगस्त 2021 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट शिव कुमार ने दोषी को 20 वर्ष के कारावास एवं 37 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

    बाइक चुराने वाले को साढ़े पांच साल की सजा

    विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने बाइक चोरी के मामले में सूरज उर्फ खोकी निवासी भरतपुर राजस्थान को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष, छह माह व आठ दिन के कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर आठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

    फहीम अंसारी निवासी रसूलपुर सराय ख्वाजा की 27 फरवरी 2020 को अज्ञात चोरों ने बाइक चोरी कर ली। वादी की तहरीर पर शाहगंज थाना पुलिस ने 13 मार्च 2020 को मुकदमा दर्ज किया। विवेचना में वारदात का पर्दाफाश करते हुए सूरज सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, साथ ही चोरी की बाइक फर्जी नंबर प्लेट लगी बरामद की थी।

    पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं की बढ़ोत्तरी की। तीन अप्रैल 2020 को पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। वारदात में शामिल आशिफ को सितंबर 2024 में दोषी करार दिया जा चुका है। आरोपित इमरान की पत्रावली न्यायालय में विचाराधीन है।