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    Agra Flood: बाढ़ के कारण ऐतिहासिक कैलाश मंदिर में दर्शन अस्थायी रूप से बंद, मंहत ने की लोगों से अपील

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:26 AM (IST)

    आगरा के सिकंदरा स्थित कैलाश मंदिर में बाढ़ के कारण दर्शन अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। मंदिर समिति ने भक्तों से मंदिर न आने की अपील की है और स्थिति सामान्य होने तक इंतजार करने को कहा है। सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की गई है और भक्तों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। स्थिति सामान्य होने पर दर्शन फिर से शुरू होंगे।

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    बाढ़ के कारण कैलाश मंदिर के गर्भगृह में आया यमुना का पानी। फाइल

    जागरण संवाददाता, आगरा। सिकंदरा स्थित ऐतिहासिक कैलाश मंदिर में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंदिर के पट अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। बल्केश्वर क्षेत्र में हाल ही में हुई एक घटना के बाद यह निर्णय लिया गया है। मंदिर समिति ने सूचित किया जब तक मंदिर प्रांगण में बाढ़ की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के द्वार बंद रहेंगे।

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    भक्तों से मंदिर के प्रधान महंत ने की अपील

    कैलाश मंदिर समिति के प्रधान महंत भरत गिरी ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे मंदिर की ओर न आएं और प्रशासन व मंदिर समिति का सहयोग करें। मंदिर परिसर को पूरी तरह बैरिकेडिंग कर सुरक्षित कर दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की घटना को रोका जा सके। समिति ने भक्तों से संयम बनाए रखने और स्थिति सामान्य होने तक प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया है। मंदिर समिति ने स्पष्ट किया भक्तों की आस्था और सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है। स्थिति सामान्य होने पर दर्शन दोबारा शुरू किए जाएंगे।

    यमुना का पानी रिकॉर्ड बनाकर स्थिर

    यमुना नदी के जलस्तर ने मंगलवार को नया रिकार्ड बना दिया। जलस्तर 153.83 मीटर तक पहुंच गया। 15 घंटे तक (सुबह छह से रात नौ बजे) जलस्तर स्थिर रहा। नालों के बैक मारने से नगला बूढ़ी दयालबाग, अनुराग नगर बल्केश्वर, मनोहरपुर, यमुना किनारा रोड के हाथीघाट तिराहा और बेलनगंज की गलियों में पानी भर गया।

    इससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पांच तहसीलों (खेरागढ़ को छोड़कर) के 65 गांवों और 35 कॉलोनियों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे 35 हजार की आबादी प्रभावित हुई। वहीं बुधवार सुबह से ही जलस्तर में कमी आएगी। अब सबसे बड़ी परेशानी गंदगी और बीमारियों की है।

    डीएम ने दिए निर्देश

    डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने नगरायुक्त, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित अन्य को दिशा निर्देश जारी किए हैं। वर्ष 1978 के बाद इस साल यमुना का जलस्तर सर्वाधिक रहा है। हथिनीकुंड बैराज, सहारनपुर से मंगलवार को 37 हजार क्यूसेक, ओखला बैराज से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सबसे अधिक पानी गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह स्थिति दोपहर 12 बजे तक रही। आठ हजार क्यूसेक की कमी आई और यह 1.52 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया।

    अल सुबह से नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक बाढ़ का असर तहसील सदर और बाह में दिखाई पड़ा।

    तहसील सदर के कैलाश मंदिर और घाट, बाईंपुर के आसपास की कालोनियों और मकानों, अरतौनी, अमर विहार पुलिस चौकी के आसपास दयालबाग, नगला बूढ़ी के आसपास की सात कॉलोनियों, सिकंदरपुर गांव और तीन कालोनियां, खासपुर के आसपास की पांच कॉलोनियां, अनुराग नगर, राधा नगर का कुछ हिस्सा बल्केश्वर महादेव मंदिर के पास के मकान, करमना, बुढ़ाना, एत्मादपुर मदरा, समोगर, तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज, बरौली गूजर और उसके छह मजरों, ताजगंज के आसपास के मकानों, किरावली तहसील में रेणुका धाम और उसके आसपास के मकानों में पानी भर गया।