कैला देवी मंदिर में 35 सालों से जल रही अखंड ज्योति, दर्शन के लिए लगता है श्रद्धालुओं का तांता
फिरोजाबाद के रामलीला मैदान में स्थित माता कैला देवी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहाँ 35 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है जिसे राजस्थान से लाया गया था। राधेश्याम अग्रवाल को सपने में मंदिर बनवाने की प्रेरणा मिली थी। भक्तों का मानना है कि यहाँ दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और नवरात्रि में नेजा चढ़ाने वालों की भीड़ लगती है।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद । रामलीला मैदान परिसर स्थित माता कैला देवी का मंदिर जिले के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर में राजस्थान के कैला देवी मंदिर से लाई गई अखंड ज्योति स्थापित की गई थी, जो 35 वर्षों से निरंतर जल रही है। नवदुर्गा के दिनों में ही नहीं अन्य दिनों में भी इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि हनुमानगढ़ निवासी कपड़ा कारोबारी राधेश्याम अग्रवाल 1981 में कार से मैनपुरी जा रहे थे। इस दौरान उन्हें नींद आ गई। इस बीच सपने में मां कैला देवी ने उनसे अपना मंदिर बनवाने को कहा। मां की प्रेरणा से वह अगले दिन से ही जमीन और धन की व्यवस्था में लग गए। अपने साथियों से बात की।
21 सदस्यीय ट्रस्ट का किया गया गठन
मंदिर कमेटी से जुड़े विपिन अग्रवाल ने बताया कि रामलीला कमेटी और समाजसेवी शिव नरायन अग्रवाल की मदद से रामलीला मैदान के समीप मंदिर के लिए जमीन की व्यवस्था हुई। 21 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया गया।
मंदिर का निर्माण 10 गुणा 10 मीटर की भूमि पर कराया गया। इसके बाद राजस्थान के कैला देवी मंदिर से यहां जलाने के लिए ज्योति लाई गई। कमेटी के पदाधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उस समय जैन मंदिर से पूरे शहर में ज्योति की शोभायात्रा निकाली गई थी।
इसके बाद वह मंदिर में प्रज्ज्वलित की गई। 1990 से ज्योति मंदिर में अनवरत जल रही है। माता रानी के दर्शन से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। राजस्थान के करौली जिले में स्थित माता कैला देवी की तरह यहां भी माता रानी के बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
मां कैला देवी के साथ चामुंडा देवी की प्रतिमा स्थापित है। ठीक सामने लांगुरावीर का मंदिर है। यहां नवरात्रि में नेजा चढ़ाने वालों की कतार लगी रहती है। जिन लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, वह परिवार और रिश्तेदारों समेत बैंडबाजों के साथ नेजा चढ़ाने आते हैं। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु दंडौती परिक्रमा भी लगाते हैं।
ऐसे पहुंचें मंदिर
फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड से आटो और ई-रिक्शा से मंदिर पहुंच सकते हैं। टूंडला की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को सुभाष तिराहा और शिकोहाबाद की ओर से आने वालों को ओवर ब्रिज के पास कोटला चुंगी से वाहन मिलते हैं।
मां की कृपा भक्तों पर बरसती रहती है। इसलिए मंदिर की ख्याति भी हर वर्ष बढ़ती जा रही है। नवरात्र में हर दिन हजारों श्रद्धालु मैया के दर्शन करने आते हैं। सुबह से लेकर रात तक जयकारे गूंजते रहते हैं। -शिव सुंदर कलौनी, महंत
मां वैष्णो देवी मंदिर में 15 वर्ष से जल रही ज्योति
टूंडला के उसायनी स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर की आधारशिला 2004 में रखी गई थी। मंदिर कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष ललितेश जैन ने बताया कि पदाधिकारियों द्वारा फरवरी 2010 में जम्मू स्थित मां मां वैष्णो देवी मंदिर से अखंड ज्योति लाई गई थी। तब से लेकर अभी तक मां की ज्योति निरंतर जल रही है। इस मंदिर की कमेटी में शहर के उद्यमी भी शामिल हैं। यह मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग पर टूंडला और फिरोजाबाद के बीच स्थित है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।