Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:15 PM (IST)
आगरा के कुशियपुर में बचाव दल को पांच युवाओं के शव मिले जिसके बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। श्मशान घाट पर एक साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। आक्रोशित ग्रामीणों को देखते हुए खेरागढ़ में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अधिकारियों और नेताओं ने परिजनों को सांत्वना दी साथ ही मुआवजे की मांग भी उठी।
संवाद सूत्र, कागारौल । बचाव दल द्वारा बरामद पांच युवाओं के शव शुक्रवार शाम को गांव पहुंचे। बच्चों के शवों को देख करुण क्रंदन से पूरा गांव गूंज उठा। गांव के बाहर श्मशान घाट पर गगन, ओमपाल, मनोज, भगवती और अभिषेक के शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
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एक साथ पांच युवाओं की चिताएं जलती देख ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। ग्रामीणों में आक्रोश को देखते हुए खेरागढ़ में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। बचाव दल ने ओमपाल, गगन और मनोज के शव गुरुवार को ही बरामद कर लिए थे। तीनों का पोस्टमार्टम रात में करा दिया था।
शुक्रवार सुबह अभिषेक और भगवती के शव भी मिल गए। इधर, खेरागढ़ में सुबह ग्रामीणों द्वारा जाम व हंगामा करने के बाद 16 थानों की पुलिस व दो कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई थी। खेरागढ़ की सीमा आरंभ होते ही पुलिस पिकेट जगह-जगह खड़ी कर दी गई थीं।
प्रमुख चौराहों-बाजारों में तैनात रही पुलिस
साथ ही प्रमुख चौराहों व बाजारों में पुलिस सतर्क थी। वह लोगों को एक जगह पर एकत्रित होने से रोक रही थी। बवाल की आशंका पर शव शाम पांच बजे के बाद स्वजन गांव पहुंचे। शवों का अंतिम संस्कार घटनास्थल के पास नदी किनारे सरकारी भूमि पर किया गया। एक साथ पांच चिताओं की लपटें उठते ही पूरा शोक सन्नाटे में डूब गया। इस दौरान हजारों की भीड़ वहां मौजूद थी।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीसीपी अतुल शर्मा, एसीपी गौरव सिंह, सुकन्या शर्मा समेत सर्किल का पुलिस बल तथा, सांसद राजकुमार चाहर, जिलाध्यक्ष प्रशांत पूनिया, चेयरमैन सुधीर गर्ग और विधायक भगवान सिंह कुशवाह मौजूद रहे। उन्होंने स्वजन को सांत्वना दी।
भीड़ के तेवर भांप समझाते रहे अधिकारी, ड्रोन से निगरानी
मुख्य मार्ग से लेकर नदी किनारे तक हजारों की भीड़ शुक्रवार काे मौजूद थी। जिसमें युवकों के स्वजन रात से डेरा डाले हुए थे। डूबे युवाओं का पता नहीं लगने से भीड़ कई बार भड़की। इस दौरान कुछ लोगों के बीच विवाद हो गया। वह आपस में ही भिड़ गए। भीड़ के तेवर भांप पुलिस अधिकारियों ने सूझबूझ से काम लिया। वह लोगों को बीच-बीच में समझाते रहे।
हंगामा करते युवकों को भीड़ से अलग ले गई। जिससे कि उन्हें देख अन्य लोगों में रोष पैदा न हो। नदी किनारे 200 से अधिक लोग मौजूद थे। पुलिस बल का प्रयाेग करने या लाठी फटकराने पर उनमें भगदड़ मच सकती थी। इससे भीड़ उग्र भी हो सकती थी। जिसे देखते हुए पुलिस लोगों को किनारे से हटाती रही। लोगों को समझाने के लिए गांव के ही वुद्ध व प्रभावशाली लाेगों की मदद ली। इस दौरान भीड़ पर नजर रखने और डूबे लोगों को पता लगाने को ड्रोन की मदद ली गई।
मरने वालों के स्वजन को 50-50 लाख रुपये मुआवजे की मांग
त्रिय लोधी राजपूत युवा महासभा ने उटंगन नदी में डूबने वाले युवाओं के स्वजन को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। अध्यक्ष डा. राजाराम लोधी ने प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामनाथ सिकरवार ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाया।
वहीं अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा के संरक्षक पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू भैया प्रतिनिधि मंडल के साथ ही साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के रूप में आगरा के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह, सांसद राजकुमार, फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी बाबूलाल, सुधीर गर्ग गुड्डू भैया और अखिल भारतीय लोधी राजपूत युवा महासभा से आनंद लोधी, विपिन डेविड विधायक एटा घटनास्थल पर पहुंचे।ग्रामीणों ने कहा कि 36 घंटे बाद भी सात लोगों का पता नहीं लगा सकी है।
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