आगरा उटंगन नदी हादसा: 125 घंटे बाद निकला आखिरी शव, मृतकों की संख्या 12 हुई... सेना-NDRF व SDRF ने चलाया अभियान
आगरा के उटंगन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबे 13 लोगों में से 12 के शव बरामद कर लिए गए हैं। सेना एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने छह दिनों तक तलाशी अभियान चलाया। जिलाधिकारी ने इस अभियान को ऑपरेशन उटंगन नाम दिया जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर रहे थे।

जागरण संवाददाता, आगरा। उटंगन नदी में डूबे चार लोगों के शवों को मंगलवार को सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने बरामद कर लिया। हादसे के 125 घंटे बाद आखिर युवक का शव बरामद हुआ। नदी में डूबने से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है।
गुरुवार दोपहर एक बजे देवी मूर्ति विसर्जन के दौरान कुसियापुर गांव के 13 लोग उटंगन नदी में डूंगरवाला गांव के पास डूब गए थे। एक युवक को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। सभी शव बरामद होने से छह दिन से चल रहा तलाशी अभियान पूरा हो गया।
मूर्ति विसर्जन करते समय गुरुवार दोपहर डूबे थे 13 लोग
खेरागढ़ के डूंगरवाला गांव के पास गुरुवार दोपहर देवी मूर्ति विसर्जन करते समय उटंगन नदी में कुसियापुर गांव के 13 लोग डूब गए थे। मंगलवार सुबह नौ बजे 50 पैरा ब्रिगेड, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने तलाशी अभियान शुरू किया। पानी के ऊपर ट्यूब लगाकर उस स्थान को चिह्नित किया, जहां तलाशी अभियान चलाया जाना था। इसके बाद तीन कंप्रेशर मशीन की मदद से गोताखोरों ने नदी में लापता चार लोगों की तलाश शुरू की।
दोपहर में मिला दीपक का शव
सुबह 10:45 बजे सचिन उर्फ महावीर का शव बरामद हुआ। इसके बाद दोपहर 12:15 बजे दीपक का शव मिला। इसके बाद दोपहर तीन बजे गजेंद्र का शव नदी से निकाला गया। हादसे के 125 घंटे बाद शाम छह बजे हरेश का शव निकाला गया। हरेश का शव बरामद होते ही छह दिन से चल रहा तलाशी अभियान पूरा हो गया।
तलाशी अभियान पूरा होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस व तलाश में जुटी 50 पैरा ब्रिगेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के सदस्यों ने राहत की सांस ली।
डीएम ने जताया सभी का आभार
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने अभियान में जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद दिया, साथ ही मृतकों को श्रद्धांजलि दी। डीएम ने कहा कि छह दिन तक दिन-रात तलाशी अभियान चलाया गया। शुक्रवार को लापता सभी लोगों के शव बरामद होने के साथ ही तलाशी अभियान समाप्त हो गया।
काम नहीं आई प्रेशर मशीन
लापता लोगों की तलाश के लिए मंगलवार को नगर निगम की प्रेशर मशीन को मौके पर बुलाया गया। उटंगन नदी के किनारे पहुंचने से पहले ही प्रेशर मशीन खेतों में मिट्टी गीली होने के कारण फंस गई। इस कारण इस मशीन का इस्तेमाल नहीं हो सका। प्रेशर मशीन की जगह तीन कंप्रेशर मशीनों का इस्तेमाल किया गया।
ऑपरेशन उटंगन नाम दिया गया
13 युवकों व किशोर के उटंगन नदी में डूबने की घटना के बाद 120 घंटे के करीब प्रशासन की ओर से तलाशी अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी ने अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने तलाशी अभियान को आपरेशन उटंगन नाम दिया गया है। आपरेशन से जुड़े हर पहलू को कागजों पर दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ से तलाशी अभियान की निगरानी कर रहे थे। मुख्यमंत्री हर दो घंटे में तलाशी अभियान के बारे में अपडेट ले रहे थे। हर दिन नई योजना के साथ लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान चलाया गया।
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