Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Agra Metro: जो बिगड़ा है, वो संवारा भी जाएगा; MG Road और National Highway को मिलेगा नया लुक

    By Amit Dixit Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:49 PM (IST)

    आगरा में मेट्रो निर्माण के कारण शहर का स्वरूप बिगड़ा था, जिसे अब सुधारा जाएगा। UPMRC ने एमजी रोड और नेशनल हाईवे-19 से बैरीकेडिंग हटाने का काम शुरू कर ...और पढ़ें

    Hero Image

    Agra Metro: फतेहाबाद रोड पर चलती मेट्रो।

    जासं, आगरा। मेट्रो बनने के दौरान आगरा शहर का स्वरूप बिगड़ गया। प्रमुख रोडों पर लगी बेरीकेडिंग, सड़क खुदाई से उड़ती धूल और गड्ढे। अब इस बिगड़े रूप को संवारने की भी तैयारी है। जल्द ही आगरा एक नए रंग रूप में नजर आएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उप्र मेट्रो रेल काॅरपोरेशन (UPMRC) की टीम ने एमजी रोड और National Highway-19 से बैरीकेडिंग हटाने का कार्य चालू कर दिया है। यह कार्य डिवाइडर बनने के बाद किया जा रहा है। एक माह में प्रतापपुरा से लेकर हरीपर्वत तक बैरीकेडिंग हट जाएगी।

    सूरसदन तिराहा से लेकर भगवान टाकीज चौराहा तक बैरीकेडिंग सात माह के बाद हटेगी। एमजी रोड और हाईवे पर पौधे लगाए जाएंगे। पिलरों पर चित्रकारी की जाएगी। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर कालिंदी विहार तक 16 किमी लंबे दूसरे काॅरिडोर में 14 स्टेशन बन रहे हैं। मेट्रो ट्रैक एमजी रोड से होकर गुजर रहा है। एमजी रोड पर पांच स्टेशन बनेंगे।

    यह सभी स्टेशन एलीवेटेड होंगे। इसी तरह से ISBT तिराहा से लेकर सिकंदरा तिराहा तक तीन एलीवेटेड स्टेशन पहले काॅरिडोर में बन रहे हैं। दोनों ही सड़कों पर अधिकांश जगहों पर कार्य हो गया है। गर्डर और ट्रैक बन चुका है।

    संयुक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्र ने बताया कि जिन जगहों पर कार्य पूरा हो चुका है। वहां से बेरीकेडिंग हटाई जा रही है। डिवाइडर का निर्माण किया जा रहा है। सड़क का भी सुंदरीकरण कराया जा रहा है। डिवाइडर के खाली जगह पर पौधे लगाए जाएंगे। पिलरों पर चित्रकारी भी की जाएगी। यह कार्य फतेहाबाद रोड की तर्ज पर किया जाएगा।

     

    यमुना नदी की तलहटी पर पिलरों की खोदाई चालू

    यमुना नदी पर 200 करोड़ रुपये से मेट्रो पुल बन रहा है। यह पुल डेढ़ साल में बनकर तैयार होगा। यूपीएमआरसी की टीम ने पाइलिंग का कार्य चालू कर दिया है।

    यह कार्य चार से छह माह तक चलेगा। इसके बाद पिलर बनेंगे। नदी के दोनों तरफ एक साथ कार्य किया जाएगा। दो रिग मशीनों का प्रयोग होगा। जरूरत पड़ने पर एक और मशीन को बढ़ाया जा सकता है।