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Agra Metro Project: अब आएगी रफ्तार, अगले सप्ताह से शुरू होगा मेट्रो के लिए ये काम

Agra Metro Project सुप्रीम कोर्ट से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद कार्य में आएगी तेजी। पीएसी ग्राउंड की तेजी से अधिग्रहीत होगी जमीन।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 12:27 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 12:27 PM (IST)
Agra Metro Project: अब आएगी रफ्तार, अगले सप्ताह से शुरू होगा मेट्रो के लिए ये काम
Agra Metro Project: अब आएगी रफ्तार, अगले सप्ताह से शुरू होगा मेट्रो के लिए ये काम

आगरा, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट से आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने से कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। अगले सप्ताह उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) की टीम स्टेशनों के तकनीकी सर्वे के लिए आ रही है। वहीं जल्द ही मिट्टी के नमूने भी लिए जाएंगे। इसकी शुरुआत ताज पूर्वी स्टेशन से होगी। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि पीएसी ग्राउंड के अधिग्रहण की कार्रवाई को तेजी से पूरा किया जाएगा। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में सात हेक्टेअर जमीन मिली है। यह जमीन गृह विभाग की है। राजस्व परिषद को जमीन यूपीएमआरसी के नाम करने के लिए पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक पहला कॉरिडोर बनेगा। पीएसी ग्राउंड में पहला डिपो होगा।

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आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट एक नजर में

- आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 8379 करोड़ रुपये है।

- तीस किमी लंबा ट्रैक होगा और तीस स्टेशन होंगे।

- दोनों कॉरिडोर पर 22 स्टेशन एलीवेटेड और आठ स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे।

- आगरा मेट्रो में तीन कोच होंगे।

- दोनों रूट पर तीस ट्रेनों का संचालन होगा।

- पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो मिलेगी।

- दो मिनट में एक किमी का सफर तय होगा।

- उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा मेट्रो ट्रैक व स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।

- मेट्रो में एडवांस सिक्योरिटी फीचर में दरवाजा पर डबल लॉक होगा।

- महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी।

कॉरिडोर, का नाम, एलीवेटेड ट्रैक, अंडरग्राउंड ट्रैक, कुल दूरी

सिकंदरा-ताज पूर्वी गेट, 6.35 किमी, 7.67 किमी, 14 किमी

आगरा कैंट-कालिंदी विहार, 16 किमी, शून्य, 16 किमी 

सुप्रीम कोटर् ने इन शर्त के साथ दी है अनुमति

- गैर वन क्षेत्र 4.18 हेक्टेअर पर पौधे लगाने होंगे।

- एमओईएफ और एनएमए से अलग से अनुमति लेनी होगी।

- वन भूमि की जितनी कीमत है। उतनी धनराशि जमा करनी होगी।

- कम से कम पेड़ काटे जाएं, इस बात का ध्यान रखना होगा।

- 18230 पौधे अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। इसकी निगरानी का जिम्मा क्षेत्रीय निदेशक सोशल फॉरेस्ट्री को दिया गया है।

- प्रत्येक मेट्रो स्टेशन और डिपो पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाना होगा और पार्किंग का इंतजाम करना होगा।

- जहां क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे। वहां दो फीट ऊंची बाउंड्रीवाल अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

- पौधे लगाने के तीन साल तक उनके अनुरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। खासकर गर्मियों में पानी देना होगा।

- एमओईएफ द्वारा मेट्रो प्रोजेक्ट पर लगातार नजर रखी जाएगी और पौधों को रिपोर्ट भी भेजनी होगी।


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