Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Agra ka Petha: ताजमहल के दीदार के साथ बाहर से आने वालों के लिए पेठा भी है खास, पढ़ें वैरायटी और रेट की लिस्ट यहां

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 01:13 PM (IST)

    Agra ka Petha गर्मियों में पहली पसंद बनता है आगरा का पेठा। बिना स्वाद के एक फल में विभिन्न फ्लेवर्स का जायका मिलाकर दिया गया रूप पेठे की विशेषता और स्वाद दोनों को दिन प्रतिदिन बढ़ा रहा है। पेठे का दैनिक कारोबार दो करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है।

    Hero Image
    आगरा का पेठे का दैनिक कारोबार दो करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है।

    आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल का दीदार करने वाले अपने जेहन में ताज की खूबसूरती के साथ यहां की मिठास को भी साथ लेकर जाते हैं। शहर की आन और शान पेठा, यूं ही विश्वभर में प्रसिद्ध नहीं है। बिना स्वाद के एक फल में विभिन्न फ्लेवर्स का जायका मिलाकर दिया गया रूप पेठे की विशेषता और स्वाद दोनों को दिन प्रतिदिन बढ़ा रहा है। इसे पसंद करने वालों ने आगरा की इस मिठाई को ग्लोबल मिठाई बना दिया है। विशेषकर गर्मियों में आगरा के पेठे की डिमांड बढ़ जाती है। क्योंकि पेठा न सिर्फ मिठाई बल्कि सेहत के लिए भी गुणकारी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चिकित्सकों के अनुसार पेठा मिठाई पेट के लिए लाभकारी है। यदि भाेजन के बाद पेठे का पीस खाया जाए तो खाना जल्दी पचता है। यदि एसिडिटी की समस्या से पीड़ित हैं तो फ्रीज में रखे पेठे की ठंडक आपको आराम देगी।

    कभी खांड और केवड़े का स्वाद लिये पेठा आज 60 से भी अधिक फ्लेवर्स के कारण मिठाइयों को भी पीछे छोड़ रहा है। ग्लोबल मार्केट में बढ़ी पेठे की डिमांड के चलते आज करीब पेठे का दैनिक कारोबार दो करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है।

    एक नजर में पेठा उत्पादन

    - 40 टन पेठे का हर रोज हाे रहा उत्पादन

    - 500 पेठा उत्पादन इकाई हैं जिले में

    - 2000 रिटेल दुकानें हैं शहर में

    - 56 तरह के पेठे बनाए जाते हैं शहर में

    - 10 हजार से अधिक मजदूर जुड़े हैं पेठा कारोबार से

    पेठे की प्रमुख वैरायटी की दर

    सामान्य पेठा-            85

    सादा पेठा-               120

    सादा अंगूरी-            150

    लाल पेठा-               150

    पान गिलोरी-        12 पीस 150

    केसर पेठा-            150

    केसर अंगूरी-          180

    चैरी पेठा-               200

    खस पेठा-              180

    मिक्स चैरी-             200

    कोकोनट-               200

    रायल पेठा-             360

    यहां बनता है पेठा

    पेठा कारोबारी संजय बंसल के अनुसार आगरा में पहले पेठा सिर्फ नूरी दरवाजा क्षेत्र में ही बनता था। मगर, पर्यावरण संरक्षण को लेकर बरती जा रही सख्ती के चलते ये काम शहर के विभिन्न क्षेत्रों में फैल गया है। नूरी दरवाजे के साथ ही केके नगर, हलवाई की बगीची, एत्माद्दौला, रुनकता, खेरागढ़, फतेहाबाद, सैंया आदि क्षेत्रों में भी बन रहा है।

    महाभारत काल से उपयोग में आता रहा है पेठा

    महाभारत काल से आयुर्वेद में पेठे को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार सदियों से लोग अम्लावित्त, रक्तविकार, वात प्रकोप, जिगर, स्त्री रोग आदि बिमारियों में इसका प्रयोग करते थे। जलने की दशा में भी पेठे से बनी दवा का प्रयोग लाभकारी होता है। कुम्हड़ा नाम के फल से पेठा बनाया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसे संस्कृत शब्द कूष्मांड के नाम से अनेक चिकित्सीय विधियों में प्रयोग करते हैं। पेठे की मिठाई में किसी तरह की चिकनाई का प्रयोग नहीं होता है। यह मिलावट से रहित, कम वसा वाला और भरपूर फाइबरयुक्‍त होता है।