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    UP Circle Rates: यूपी के इस जिले में 8 साल बाद बढ़े सर्किल रेट, राजस्व में देखने को मिलेगा उछाल

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 08:10 PM (IST)

    आगरा में आठ साल बाद सर्किल रेट बढ़ने से निबंधन विभाग के राजस्व में 25-30% की वृद्धि का अनुमान है। सबसे अधिक वृद्धि सेगमेंट दर में हुई है जो 40-50% है। शिकायतों के समाधान के लिए हर हफ्ते रेट में बदलाव किया जा सकता है। आवासीय व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में भी 25-35% तक की बढ़ोतरी हुई है।

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    सर्किल रेट बढ़ने से निबंधन विभाग का 30 प्रतिशत बढ़ेगा राजस्व

    जागरण संवाददाता, आगरा। आठ साल के बाद बढ़े सर्किल रेट से निबंधन विभाग के राजस्व में 25 से 30 प्रतिशत का फायदा होगा। सर्किल रेट को लेकर जो भी शिकायतें आएंगी। उन सभी शिकायतों की उप निबंधक सूची बनाएंगे। हर सप्ताह शिकायतों का निस्तारण कर रेट में आंशिक बदलाव किया जा सकता है।

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    सबसे अधिक बढ़ोतरी सेगमेंट दर में 40 से 50 प्रतिशत की हुई है। मंगलवार को जिले के 10 उप निबंधक कार्यालयों में 650 बैनामे हुए। इससे विभाग को साढ़े चार करोड़ रुपये का राजस्व मिला। वहीं, शासन ने पांच से 10 प्रतिशत हर साल सर्किल रेट बढ़ाने की अनुमति दी है।

    निबंधन विभाग का आठ साल पूर्व एक हजार करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का लक्ष्य था। अब यह बढ़कर 1,800 करोड़ रुपये है। जिले में 10 उप निबंधक कार्यालय हैं। सबसे अधिक कार्यालय तहसील सदर में पांच हैं। बाकी पांच तहसीलों में एक-एक कार्यालय है।

    तहसील सदर में सबसे अधिक बैनामा प्रथम, द्वितीय और तृतीय के कार्यालय में होते हैं। सेवानिवृत्त अधिकारी डा. पीएस पांडेय ने कहा, कोविड काल को छोड़कर बाकी साल में सर्किल रेट में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। यानी आठ साल में अगर दो साल को छोड़ दिया जाए, तो छह साल पूर्व बढ़ोतरी होनी चाहिए थी।

    अगर समय पर बढ़ोतरी हो जाती, तो सर्किल रेट और बाजार मूल्य के मध्य जो 40 से 50 प्रतिशत का अंतर आ गया था। वह कम हो सकता था। स्टांप चोरी की घटनाओं पर भी अंकुश लग सकता था। सहायक महानिरीक्षक निबंधन योगेश कुमार ने कहा कि सर्किल रेट को लेकर जो भी शिकायतें आएंगी। उनकी सूची तैयार कर निस्तारण कराया जाएगा।

    यह है सर्किल रेट की दरें

    • आवासीय दर: नगरीय और अर्द्धनगरीय क्षेत्र में आवासीय दर में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। आवासीय हिस्से में चल रहे गोदाम और दुकानें भी शामिल हैं।
    • व्यावसायिक दर: इस श्रेणी में भी 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसमें दुकानें, गोदाम सहित अन्य शामिल हैं।
    • सेगमेंट दर: इस श्रेणी में सेठ गली सहित अन्य क्षेत्रों में सबसे अधिक एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की बढ़ोतरी हुई है। इससे इन क्षेत्रों में सर्किल रेट दो लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर पहुंच गया है। इस श्रेणी में सबसे अधिक 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
    • विकसित क्षेत्र की दर: नगरीय, अर्द्धनगरीय और विकसित क्षेत्रों में नए मकान बन रहे हैं। भूमि के रेट में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसी को देखते हुए 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
    • औद्योगिक क्षेत्र की दर: औद्योगिक क्षेत्र में अकृषक भूमि की दर में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। निजी और सरकारी औद्योगिक क्षेत्र की अलग से सूची नहीं बनी है।