Agra Conversion Racket: 5 साल पहले था बिजली मिस्त्री, मतांतरण के बाद आलीशान घर और बदला रहने का अंदाज
आगरा में अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना राजकुमार लालवानी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पांच साल पहले बिजली मिस्त्री रहे राजकुमार की मतांतरण के बाद आर्थिक स्थिति में सुधार आया। उसने आलीशान घर खरीदा और बेटी की धूमधाम से शादी की। गिरोह के सदस्यों में एक शिक्षक भी शामिल है। पुलिस सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण गिरोह का सरगना पांच साल पहले बिजली मिस्त्री था। मतांतरण के बाद उसकी आर्थिक स्थिति बदलती चली गई। पॉश इलाके में महंगा घर और बदला अंदाज लोगों को हैरान करने लगा था।
करीब डेढ़ साल पहले एक बेटी की शादी धूमधाम से की। गिरोह में शामिल एक सदस्य तो बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात है। पुलिस सरगना सहित पकड़े गए अन्य आरोपितों की संपत्ति की जांच कर रही है।
पॉश इलाके में खरीदा एसआईजी आवास, बदला गया रहने का अंदाज
पुलिस की पड़ताल में सिंधी समाज के प्रबुद्धजनों ने बताया कि अवैध मतांतरण गिरोह का सरगना राजकुमार लालवानी पांच साल पहले प्राइवेट बिजली मिस्त्री था। वह केदारनगर में एक छोटे से घर में पत्नी, दो बेटियों व एक बेटे के साथ रहता था। चार साल पहले मतांतरण के बाद उसकी आर्थिक स्थिति भी बदल गई।
गिराहे के सरगना व सदस्यों की संपत्ति का ब्यौरा खंगाल रही है पुलिस
सिंधी समाज के लोगों के अनुसार उसने केदारनगर सी ब्लॉक जैसे पॉश इलाके में एमआईजी आवास खरीदा। आलीशन मकान में घर सुख-सुविधा का सामान मौजूद है। चर्चा है कि आरोपित की एक बेटी शादी के बाद विदेश में रह रही है। वहीं दूसरी बेटी का डेढ़ वर्ष पहले उसने धूमधाम से विवाह आगरा में ही किया था।
लोगों का कहना है कि आरोपित की एक बहन उल्हासनगर महाराष्ट्र में रहती हैं। बहन ने भी मतांतरण किया है। वहीं दूसरी बहन विदेश में रहती हैं। गिरफ्तार जयकुमार मोटवानी बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं। आरोपित अनूप कुमार व कमल कुंडलानी वर्तमान में कुछ नहीं कर रहे हैं। अरुण मेहनत मजदूरी करता है। वहीं सरगना राजकुमार लालवानी की गिरफ्तारी के बाद उनके स्वजन घर में ताला लगाकर रिश्तेदारी में चले गए।
मांस का टुकड़ा खाकर करना पड़ता था साबित
ईसाई धर्म अपनाने वालों को गिरोह के सरगना के सामने खुद को साबित करना पड़ता था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरोह का सरगना उन्हीं लोगों को सच्चा ईसाई मानता था जो मतांतरण के बाद उसके सामने मांस का टुकड़ा खाते थे।
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