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    Weather Update: यूपी का सबसे गर्म शहर रहा आगरा, लू के लिए यलो अलर्ट जारी, हीट स्ट्रोक का खतरा, ऐसे करें बचाव

    Updated: Sat, 18 May 2024 08:13 AM (IST)

    Agra Weather News लू लगने से बिना संक्रमण वाला डायरिया और हीट स्ट्रोक का खतरा दोपहर में पसरा रहा सन्नाटा। सीजन का सबसे गर्म दिन रहा और प्रदेश में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान भी आगरा का दर्ज किया गया।शाम चार बजे तक लोग घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके लू ने लोगों को परेशान कर दिया। रात को भी गर्मी से राहत नहीं मिली।

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    यूपी का सबसे गर्म शहर रहा आगरा, लू के लिए यलो अलर्ट जारी, हीट स्ट्रोक का खतरा, ऐसे करें बचाव

    जागरण संवाददाता, आगरा। आसमान से आग बरसी, लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर दिया। शुक्रवार को सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहने के साथ दोपहर में तापमान 46 9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

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    मौसम विभाग ने 22 मई तक लू के लिए अलर्ट जारी किया है। लू लगने से बिना संक्रमण वाले डायरिया ( नान इन्फेक्टिव समर डायरिया) और पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई।सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने सुबह 11 से शाम चार बजे तक बाहर ना निकलने की सलाह दी है। हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है।

    धूप के तीखे तेवर

    सुबह छह बजे से ही धूप के तेवर तीखे होते गए। सुबह का तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक 27 .2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह 11 बजे के बाद धूप में निकलना मुश्किल हो गया, लू चलने से लोग बाहर निकलने से बचते रहे। कुछ देर धूप में खड़े होने पर बेचैनी और घबराहट होने लगी, सिर दर्द के साथ ही चक्कर आने लगे। इससे अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक 46. 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    मौसम विभाग ने 22 मई तक लू के लिए यलो अलर्ट सचेत रहें जारी किया है। वहीं, तापमान भी 45 डिग्री सेल्सियस के करीब बना रहेगा। अभी गर्मी और लू से राहत नहीं मिलेगी।

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    सरकारी अस्पताल में मरीज बढ़े

    उधर, तापमान लगातार बढ़ने और लू चलने से सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग समर डायरिया की चपेट में आने पर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। पसीना अधिक निकलने से गला सूख रहा है।

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    50 वर्ष में तीसरा सबसे ज्यादा तापमान

    मौसम विभाग के अनुसार, 1974 से 2024 तक मई के महीने में सबसे ज्यादा तापमान 31 मई 1994 को 48 .5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, इसके बाद 2022 और 17 मई 2024 को सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है।

    एसएन में अतिरिक्त बेड का किया जा रहा इंतजाम

    एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी के साथ ही मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया जा रहा है, इसके लिए अलग से एक वार्ड बनाया जा रहा है। मेडिसिन और बाल रोग की ओपीडी में 70 प्रतिशत मरीज लू लगने और धूप के कारण हो रही समस्या के कारण आ रहे हैं।

    50 वर्ष में मई में सबसे ज्यादा तापमान

    • 31 मई 1994 - 48 .5 डिग्री सेल्सियस
    • 16 मई 2022 - 47 .7 डिग्री सेल्सियस
    • 17 मई 2024 - 46. 9 डिग्री सेल्सियस

    प्रदेश के सबसे गर्म शहर

    • आगरा 46 .9 डिग्री सेल्सियस
    • झांसी 45 .6 डिग्री सेल्सियस
    • कानपुर 44. 8 डिग्री सेल्सियस
    • हमीरपुर 44 .2डिग्री सेल्सियस
    • इटावा 44

    हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। बेहोशी छा जाए, शरीर का तापमान बढ़ जाए तो ठंडी जगह पर लिटा दें। सामान्य पानी की पूरे शरीर पर पट्टी रखें और पंखा चला दें। तुरंत अस्पताल ले जाएं। डा. प्रभात अग्रवाल, फिजीशियन एसएन मेडिकल कालेज

    ये हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण

    • शरीर का तापमान 101 फारेनहाइट से अधिक पहुंचना।
    • पसीना निकलना बंद होना।
    • बेहोशी आ जाना। असमंजस की स्थित बनना
    • हाथ पैरों में दर्द।

    ये करें

    • अधिक से अधिक पानी पिएं
    • सफेद और हल्के रंग के कपड़े पहनें
    • धूप में निकलते समय चश्मा और छाते का प्रयोग करें ।
    • दोपहर 11:00 बजे से शाम 4:00 तक घर से बाहर ना निकलें।
    • नीबू शिकंजी, छाल, पना, सत्तू का सेवन करें
    • पेट में मरोड़ घमोरियां शरीर में कमजोरी आना चक्कर आना सिर में तेज दर्द उबकाई आना जैसे लक्षण सामने आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें।
    • खुले में कार्य करते है तो चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढकी रहें और यदि संभव हो तो छाते का प्रयोग करें।
    • बाजार के खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें

    बच्चों को बाजार के खाद्य पदार्थ, रखा हुआ खाना और फास्ट फूड का सेवन ना कराएं। इससे भी डायरिया और उल्टी की समस्या हो रही है। बुखार आने पर सामान्य पानी की पट्टी रखें। डा. नीरज यादव, अध्यक्ष बाल रोग विभाग एसएन मेडिकल कालेज

    गर्मी में पित्त दोष बढ़ जाता है। इस मौसम में मीठे फल का सेवन करना चाहिए, इससे पेट को शीतलता मिलती है। तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी का सेवन कर सकते हैं। डा. कविता गोयल, आयुर्वेदाचार्य

    लू लगने से बुखार और डायिरया के मरीज आने लगे हैं।ओआरएस घोल के साथ ही होम्योपैथी की दवाओं से मरीज ठीक हो रहे हैं। धूप से बचने की सलाह दी जा रही है। डा. कैलाश चंद्र सारस्वत, होम्याेपैथिक चिकित्सक