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    'यही भगवान राम का जन्मस्थान है', इटालियन खलोगशास्त्री ने लिखा था यात्रा वृत्तांत; अब जाकर मिली उसकी कब्र

    Updated: Mon, 03 Mar 2025 06:55 AM (IST)

    आगरा के गाइड मेहरानउद्दीन ने आखिरकार एक साल की मेहनत के बाद इटली के खगोलशास्त्री जोसेफ की कब्र खोज निकाली है। जोसेफ वही व्यक्ति है जिसने अपने यात्रा व ...और पढ़ें

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    राजा जयसिंह के बनाए जंतर-मंतर में सेवा देने जोसेफ भारत आए थे (फोटो: पीटीआई)

    जागरण संवाददाता, आगरा। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने राम जन्मभूमि मंदिर मामले में दिए आदेश में जिस विदेशी यात्री जोसेफ टेफेन्थैलर के यात्रा वृत्तांत का जिक्र किया है, उसकी कब्र अब जाकर आगरा में खोजी जा सकी है।

    करीब एक वर्ष की तलाश के बाद गाइड मेहरानउद्दीन ने उसे अकबरी चर्च के पीछे स्थित पाटरी टोला में खोज निकाला है। इटली के जोसेफ खगोलशास्त्री थे। जयपुर के राजा जयसिंह के बनाए जंतर-मंतर में सेवा देने वह भारत आए थे।

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    जयसिंह की हो गई थी मृत्यु

    जोसेफ के जयपुर पहुंचने से पूर्व ही 1743 में राजा जयसिंह की मृत्यु हो गई। उनके उत्तराधिकारियों की खगोलशास्त्र में रुचि नहीं होने से जोसेफ जयपुर से आगरा आ गए। यहां जेसुइट कॉलेज में फादर वेंडेल के साथ पढ़ाने लगे। जेसुइट मिशन से जुड़ने के बाद उन्होंने मथुरा, दिल्ली, गोवा, सूरत, जोधपुर, अजमेर, ग्वालियर की यात्राएं कीं।

    1759 में जेसुइट का गोवा स्थित प्रांतीय केंद्र बंद होने से आगरा के जेसुइट कॉलेज को आर्थिक सहायता मिलना बंद हो गया। ब्रिटिश साम्राज्य से मदद की आशा में टेफेन्थैलर झांसी, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, हुगली होते हुए कोलकाता पहुंचे।

    अयोध्या का लिखा यात्रा वृत्तांत

    • वहां से लौटने के बाद लखनऊ में रहते हुए उन्होंने 1766 से 1771 के मध्य अवध और उसके आसपास के क्षेत्र का भ्रमण किया। गंगा के किनारे बसे शहरों का वर्णन करने के साथ नदी का मैप बनाया। वह अयोध्या भी गए और यात्रा वृत्तांत लिखा।
    • इन्होंने नादिर शाह और अहमद शाह अब्दाली के दिल्ली पर आक्रमण का भी उल्लेख किया है। टेफेन्थैलर की मृत्यु 1785 में आगरा में हुई थी। जोसेफ टेफेन्थैलर ने अपने यात्रा वृत्तांत में लिखा है कि सरयू नदी के दक्षिणी तट पर उस समय के रईसों व रजवाड़ों की ओर से भगवान राम को समर्पित आलीशान अट्टालिकाएं लगवाई गई थीं।

    राम जन्मस्थान का किया जिक्र

    यात्रा वृत्तांत में अयोध्या में राम मंदिर होने का जिक्र है। जोसेफ ने लिखा है कि कुछ लोग इसे गिराने वाले का नाम बाबर बताते हैं, तो कुछ औरंगजेब। राम के जन्मस्थान वाले भवन को गिराए जाने के बाद भी श्रद्धालु वहां पूजा व परिक्रमा करते हैं।

    टेफेन्थैलर के विवरण के अनुसार, जमीन से पांच इंच ऊपर एक चौकोर बॉक्स है, जिसका बॉर्डर चूने से बना है। इसकी लंबाई 225 इंच और चौड़ाई करीब 180 इंच है। इसे हिंदू बेदी या झूला कहते हैं। यह स्थान भगवान राम के जन्म लेने के स्थान को दर्शाता है।

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