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    टैरिफ की मार के बाद सजेगा जूते का बाजार, 50 देशों से आएंगे प्रदर्शक

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:08 AM (IST)

    आगरा में एफमेक द्वारा तीन दिवसीय कंपोनेंट, मशीनरी फेयर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 50 देशों के प्रदर्शक भाग लेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से प्रभावित निर्यात की भरपाई करना है। साथ ही, इसका लक्ष्य आगरा से होने वाले कुल निर्यात को बढ़ाना और फुटवियर इंडस्ट्री की सप्लाई चेन को मजबूत बनाना है।

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    जागरण संवाददाता, आगरा। अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद प्रभावित चल रहा 300 करोड़ से अधिक का निर्यात के नुकसान की भरपाई की उम्मीद जगी है। आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) तीन दिवसीय कंपोनेंट, मशीनरी फेयर का आयोजन होगा। इसमें भारत सहित 50 देशों के प्रदर्शक हिस्सा लेंगे।

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    आगरा के निर्यातकों को पुराने खरीदारों के साथ नया बाजार की तलाश रहेगी। अमेरिका से खत्म हुए बाजार के नुकसान की भरपाई और चार से पांच हजार करोड़ के आगरा से होने वाले कुल निर्यात को बढ़ाने का प्रयास रहेगा। विदेशी वेंचर्स से साझेदारी के साथ ही जूता निर्माण के लिए जो उत्पाद बाहर से मंगाते हैं उनको आगरा में बन सकें तभी मेक इन इंडिया धरातल पर उतर सकेगा।

    एफमेक द्वारा आयोजित मीट एट आगरा के 17वें संस्करण में जूता निर्यातकों को बड़ी उम्मीदें हैं। सोमवार को खंदारी स्थित होटल लैमन ट्री में अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भारत सहित 50 देशों के 250 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे।

    फुटवियर इंडस्ट्री की सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए इस आयोजन की शुरुआत हुई थी। अगर सप्लाई चेन मजबूत होगी तो जूता निर्माता और निर्यातक भी मजबूत होंगे। फेयर अब सिर्फ इंडस्ट्री को जोड़ने का नहीं, बल्कि उसे नई दिशा देने का मंच बन गया है।

    इस बार हमने इंडस्ट्री को और मजबूत बनाने के लिए रेटिंग और फैक्टरिंग से जुड़ी संस्थाओं को भी आमंत्रित किया है ताकि हमारे कारोबारी साथियों को वित्तीय योजनाओं और अवसरों की बेहतर जानकारी मिल सके।

    जूता से जुड़े कारोबारी, दूसरी इंडस्ट्री भी इसका हिस्सा बनें। औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी सात नवंबर को कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

    उपाध्यक्ष राजीव वासन ने कहा कि फुटवियर कंपोनेंट इंडस्ट्री जब मजबूत होगी तभी अच्छा जूता बन सकेगा। “यह फेयर कंपोनेंट इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरर्स के बीच सेतु की तरह काम कर रहा है। इस बार तकनीकी सत्रों में डिजाइन ट्रेंड्स, मैन्युफैक्चरिंग तकनीक और मार्केटिंग स्ट्रटजी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ चर्चा होगी, जिससे इंडस्ट्री का वर्तमान और भविष्य तय होगा।

    फेयर आयोजन समिति के चेयरमैन कुलबीर सिंह ने कहा आगरा वर्ल्ड फुटवियर कैलेंडर में शामिल हो चुका है और विभिन्न देशों के उद्योग जगत से जुड़े कारोबारी हर साल इसका इंतजार करते हैं। महासचिव प्रदीप वासन ने बताया कि भारत दुनिया के कुल फुटवियर उत्पादन का लगभग 13 प्रतिशत हिस्सा बनाता है, जबकि निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2.2 प्रतिशत है।

    हमारे पास उत्पादन और निर्यात दोनों को बढ़ाने की अपार संभावनाए हैं। सरकार और उद्यमियों के सामूहिक प्रयास से ये हो सकता है। द शू फेक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कंपाेनेंट के बाजार, लोकल बाजार, जूता इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को साझा किया।

    26 बिलियन डालर के बाजार को 47 बिलियन की संभावना

    भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में आगरा का जूता उद्योग अहम भूमिका निभा रहा है। सरकार और उद्योग–संगठनों के प्रयासों से मौजूदा 26 बिलियन डालर के भारतीय फुटवियर बाज़ार को 2030 तक 47 बिलियन डालर तक बढ़ाया जा सकता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से गैर–चमड़े के जूतों जैसे स्पोर्ट्स, रनिंग, कैज़ुअल वियर और स्नीकर्स की बढ़ती मांग के बल पर संभव है।

    वैश्विक मानकों के अनुरूप गुणवत्ता करनी होगी मजबूत

    एफमेक के उपाध्यक्ष राजेश सहगल ने कहा कि भारत अब चीन के एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है। टाटा, रिलायंस, वालमार्ट और फ्यूचर ग्रुप जैसी कंपनियां भारतीय उत्पादों पर निर्भर हैं। यह हमारे लिए अवसर का समय है अब हमें अपने उत्पाद की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों के अनुरूप और मजबूत बनाना होगा।

    जूता-चप्पल पर खर्च अभी बहुत कम

    एफमेक सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने कहा कि भारत में जूता-चप्पल पर प्रति व्यक्ति खर्च 1500 रुपये प्रति वर्ष है। वहीं वैश्विक औसत इससे कई गुणा है। तीन डालर आयात मूल्य से कम के फुटवियर पर कस्टम ड्यूटी 35प्रतिशत की जानी चाहिए और घरेलू उद्योग को न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी सुविधा मिलनी चाहिए। इससे स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहन मिलेगा।

    ये रहे मौजूद

    पोस्टर विमोचन में जूता उद्यमी एएस राना, ललित अरोरा, इफ्कोमा के महासचिव दीपक मनचंदा, विजय निझावन, रेणुका डंग, नकुल मनचंदा, अर्पित ग्रोवर मौजूद थे।