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    UP Flood: बाढ़ से हुई तबाही के बाद अब सर्वे शुरू, कम से कम इतने नुकसान पर मिलेगा किसानों को मुआवजा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:02 AM (IST)

    आगरा में यमुना चंबल और उटंगन नदियों में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। छह तहसीलों में 15 हजार हेक्टेयर से अधिक फसलें जलमग्न हो गई हैं। बाह तहसील के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन करने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। 33% से अधिक नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। यमुना का जलस्तर 153 मीटर तक पहुंच गया था।

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    बाढ़ का पानी आने के बाद गांव में नाव से जाते लोग। फाइल

    जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना, चंबल, उटंगन नदी का जलस्तर सामान्य रूप में पहुंच चुका है। जिसे देखते हुए जिले की छह तहसीलों में बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे शुरू हो गया है। सबसे अधिक नुकसान बाह तहसील के किसानों को हुआ है। यहां पहली बार में 400 किसानों की दो हजार हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई। अब दूसरी बार का सर्वे चल रहा है। अब तक हुए सर्वे में 15 हजार हेक्टेयर से अधिक फसल नष्ट हुई है।

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    यमुना, चंबल, उटंगन नदी में आई बाढ़, पहली बार सर्वे में ड्रोन का प्रयोग

    33 प्रतिशत या फिर इससे अधिक नुकसान पर ही मुआवजा मिलेगा। सर्वे में पहली बार ड्रोन का भी प्रयोग किया जा रहा है। ड्रोन और लेखपालों की रिपोर्ट का मिलान किया जाएगा। अगर लेखपालों की रिपोर्ट में कम रकबा निकलता है तो इसकी रिपोर्ट फिर से मांगी जाएगी। अब तक हुए सर्वे में सबसे अधिक बाजरा और हरी सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि जल्द ही सर्वे कर रिपोर्ट डीएम को भेज दी जाएगी।

    यमुना नदी : वर्ष 1978 के बाद वर्ष 2025 में यमुना नदी का जलस्तर करीब 153 मीटर तक पहुंच गया। इससे तहसील सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद, बाह, किरावली तहसीलों की 35 बस्तियों और 65 गांवों में पानी भर गया। बटेश्वर कस्बा और मंदिर जलमग्न हो गए। सबसे अधिक बाह तहसील में चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें डूब गई हैं। इसमें बाजरा और हरी सब्जियां सबसे अधिक शामिल हैं। तहसील सदर में तीन हजार हेक्टेयर खेती डूबी हैं। फतेहाबाद तहसील में दो हजार और एत्मादपुर व किरावली में एक-एक हेक्टेयर शामिल है।

    चंबल नदी : अगस्त के पहले सप्ताह में चंबल नदी का जलस्तर 134 मीटर तक पहुंच गया था। इससे नौ गांवों का रास्ता कट गया। तहसील प्रशासन ने सर्वे कर रिपोर्ट डीएम को भेज दी। इसमें दो हजार हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गईं। दूसरी बार भी जलस्तर 133 मीटर तक पहुंच गया। तहसील प्रशासन द्वारा दूसरी बार सर्वे किया जा रहा है। इस बार भी इतनी ही फसलों के नुकसान से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

    उटंगन नदी : खेरागढ़ और बाह तहसील में एक हजार हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ है। लंबे समय के बाद दोनों तहसीलों में उटंगन खतरे के निशान से ऊपर पहुंची है। इन तहसीलों में सर्वे चालू है।