Agra Flood: 15 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़कर खतरे के निशान 500 पार यमुना, 30 कॉलोनियों व गांवों में पहुंचा पानी
आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर 500 फीट पार कर गया जो 15 साल का रिकॉर्ड है। कैलाश मंदिर बटेश्वर समेत कई इलाकों में पानी भर गया है और गांवों का संपर्क टूट गया है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। वॉटर वर्क्स पर रविवार दोपहर यमुना 500 फीट के स्तर को पार कर गई। जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि की वजह से 15 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूट गया। इससे पूर्व यमुना वर्ष 2010 में 499.5 फीट पर पहुंची थी। शाम छह बजे जल स्तर 500.16 फीट दर्ज किया गया। कैलाश मंदिर के गर्भगृह में दो फीट तक पानी भर गया, जबकि बटेश्वर में यमुना ब्रह्मलाल मंदिर समेत अन्य मंदिरों को पार कर रोड पर पहुंच गई। यहां राेड पर डेढ़ फीट से अधिक पानी भर गया।
गोकुल बैराज से रविवार को छोड़ा गया 1.56 लाख क्यूसेक पानी
कैलाश, दयालबाग के खासपुर, तनिष्क राजश्री गार्डन, मां गौरी टाउन, अमर विहार, लोहिया नगर, कृष्णा कालोनी, अनुराग नगर, मनोहरपुर, नगला बूढ़ी, मोती महल, कटरा वजीर खां, बाबा वाली गली, गांधी स्मारक, शंभू नाथ कॉलोनी, मेहरा नाहरगंज, नगला बिहारी, बरौली गुर्जर, बुर्ज मजरा, तनौरा, नूरपुर में पानी भर गया है। बाह के आधा दर्जन गांवों का संपर्क कट गया है।
साेमवार दोपहर तक जल स्तर में होगी वृद्धि, इसके बाद होगा स्थिर
गोकुल बैराज से रविवार रात आठ बजे तक 1.58 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना के जल स्तर में सोमवार दोपहर तक वृद्धि देखने को मिलेगी। अनुमान जताया जा रहा है कि यमुना के जल स्तर में आधा फीट तक वृद्धि होगी, इसके बाद वह स्थिर हो सकती है।
शाम तक कैलाश मंदिर के गर्भ गृह में दो फीट तक भरा पानी
हथिनीकुंड बांध से छोड़ा गया पानी आगरा आ रहा है। रविवार दोपहर दो बजे तक गोकुल बैराज से 1.37 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो रात आठ बजे बढ़कर 1.58 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। इससे नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। शाम तक कैलाश मंदिर के गर्भगृह में दो फीट तक पानी भर गया। यहां आधा दर्जन लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है।
संताेष गिरी ने बताया कि मकान की दीवार फट गई है। विक्की गोस्वामी, केदार गिरी, भीमसेन गोस्वामी, सतीश गोस्वामी समेत सात लाेगों के मकान में पानी भर गया है। इस बार 2023 से अधिक पानी आया है।
गांव में बिजली काटे जाने की समस्या
गांव की बिजली काटे जाने से समस्या हो रही है। यहां लोगों ने छतों पर अपना सामान सुरक्षित रख लिया है। उधर, दयालबाग के खासपुर में रविवार शाम को पानी पहुंच गया। सड़क़ व गलियां जलमग्न हो गईं। जीवनी मंडी में कृष्णा कालोनी में तीन दर्जन से अधिक परिवारों को सामान दूसरी मंजिल पर रखना पड़ा है। बल्केश्वर स्थित पार्वती घाट रविवार दोपहर डूब गया। यहां मंदिर में पानी पहुंच गया है। घाट की तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी है।
खेतों में फसल जलमग्न
मनोहरपुर में कुंड के पास बल्लियां लगा दी गई हैं। यहां पहले ही खेतों में फसल व झोंपड़ियां जलमग्न हो गई थीं। बल्केश्वर के रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय और एकलव्य वाटिका के रोड पर पानी पहुंच गया। तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज में 60 परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बटेश्वर में यमुना किनारा स्थित शिव मंदिरों की शृंखला को पार कर नदी रोड पर पहुंच गई। यहां दोपहर में डेढ़ फीट तक पानी भर गया था।
रोके बनाकर पानी रोकने का प्रयास
कैलाश में लोगों ने अपने घरों के दरवाजों पर ईंटों से तीन फीट तक चिनाई कराकर घर में पानी को पहुंचने से रोकने का प्रयास किया है। रविवार को भी कई घरों में मजदूर रोके बनाते नजर आए। इसके बाद भी नालियों से पानी अंदर पहुंच रहा है।
यमुना का जल स्तर
- वर्ष 1978 में 508 फीट
- वर्ष 2010 में 499.5 फीट
- वर्ष 2023 में 499 फीट
सदर तहसील में बाढ़ से प्रभावित हैं 116 परिवार
एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बताया कि बाढ़ की वजह से सदर तहसील में 116 परिवारों के 564 लोग प्रभावित हुए हैं। कैलाश गांव में 20 परिवार रहते हैं, जिनमें से नौ परिवार प्रभावित हैं। मां गौरी टाउन में पांच, लोहिया नगर ओपी स्कूल वाली गली में पांच, मोती महल में एक, मेहरा नाहरगंज में 45, बरौली गुजैर के ठार परौली, ठार कुई, ठार रामपुर, ठौर किशन सिंह में 15 और तनौरा व नूरपुर में 15 परिवार बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं।
यहां बनाएं हैं शरणालय
प्राथमिक विद्यालय सरगनखेड़ा, आइटीआइ बल्केश्वर, कैलाश मंदिर, आंबेडकर वाटिका, मोती महल में शरणालय बनाए गए हैं। तहसील सदर में बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचाने को एनडीआरएफ की टीम तैनात है।
यह बरतें सावधानी
- जरूरी कागजात राशन कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड को वाटर प्रूफ बैग में रखें।
- सूखे अनाज, मवेशियों व चाो को ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें।
- बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगों व बीमार व्यक्तियों को बाढ़ शरणालयों में पहुंचाएं।
- बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेग्यूलेटर बंद रखें।
- नदी के किनारे न जाएं। बच्चों को यमुना में नहाने से रोकें।
- जरूरत की वस्तुओं को ऊंचे स्थान पर रखें।
एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि यमुना के जल स्तर में सोमवार दोपहर तक वृद्धि देखने को मिलेगी। बढ़ते जल स्तर पर जिले में 38 बाढ़ चौकियों से निगाह रखी जा रही है। 65 अधिकारी और 350 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।