Agra Flood: 3500 बीघा से अधिक फसलें जलमग्न, ताजगंज मोक्षधाम बंद होने से अंतिम संस्कार में बाधा
यमुना नदी में बाढ़ आने से ताजगंज मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह का रास्ता बंद हो गया है जिससे अंतिम संस्कार प्रभावित हुए हैं। श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने असमर्थता जताई है। जलस्तर बढ़ने से फाउंड्रीनगर घाट भी प्रभावित है। अब मलका का चबूतरा शाहगंज आवास विकास कॉलोनी सेक्टर तीन और चावली मधुनगर में अंतिम संस्कार हो रहे हैं। बाढ़ से 3500 बीघा से अधिक फसलें जलमग्न हो गई हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना नदी में आई बाढ़ के चलते 15 साल के बाद ताजगंज मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह का रास्ता बंद हो गया। श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने अंतिम संस्कार को लेकर हाथ खड़े कर दिए। मंगलवार सुबह यहां पर अंतिम संस्कार नहीं होंगे।
अगर जलस्तर में कमी आत है तो इसे शुरू किया जा सकता है। वहीं कैलाश घाट, सिकंदरा और पोइया घाट पहले ही बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। फाउंड्रीनगर घाट में तेजी से पानी भर रहा है। वहीं अब मलका का चबूतरा शाहगंज, आवास विकास कॉलोनी सेक्टर तीन और चावली मधुनगर (सीओडी) में अंतिम संस्कार हो सकते हैं।
सोमवार शाम को श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने खड़े किए हाथ
शहर में आधा दर्जन से अधिक श्मशान घाट हैं। सबसे अधिक अंतिम संस्कार ताजगंज मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह में होते हैं। सोमवार शाम तक मोक्षधाम में नौ अंतिम संस्कार हुए। शवदाह गृह में तीन अंतिम संस्कार हुए। अगर बाढ़ से पूर्व की बात की जाए तो दोनों में एक दिन में 40 अंतिम संस्कार होते थे।
फाउंड्रीनगर घाट पर तेजी से बढ़ रहा पानी
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते ताजगंज मोक्षधाम का रास्ता जलमग्न हो गया है। कई जगहों पर रास्ता भी कट गया है। कुछ यही स्थिति विद्युत शवदाह गृह की भी है। शाहजहां पार्क के मोड़ के पास पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी।
श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि मुख्य रास्ता से होकर निकलना आसान नहीं है। इसी के चलते पुलिस-प्रशासन, एडीए को मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार न होने की जानकारी दी गई। अगर जलस्तर में कमी आती है तो इसे चालू किया जा सकता है।
यहां पर भी होते हैं अंतिम संस्कार
- बल्केश्वर में भी श्मशान घाट है। यह बल्केश्वर महादेव मंदिर से पास है।
- आवास विकास कालोनी सेक्टर तीन स्थित उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 200 मीटर कीदूरी पर श्मशान घाट है। कोविड काल में इस घाट का सबसे अधिक प्रयोग हुआ था।- मलका का चबूतरा शाहगंज श्मशान घाट है। इस घाट में विद्युत शवदाह गृह भी है।
- चावली, मधुनगर में भी श्मशान घाट है। यह घाट सीओडी के पास ही है।
सामरा सहित अन्य गांवों का निरीक्षण
विधायक चौधरी बाबूलाल और डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सोमवार शाम फतेहपुर सीकरी के सामरा, नगला सोमना, दाउदपुर के खेतों का निरीक्षण किया। डीएम ने डीएम भरतपुर, राजस्थान से फोन पर बात की। भरतपुर के अजान बांध से पानी छोड़ने से सैकड़ों बीघा फसल नष्ट हो चुकी है।
3500 बीघा से अधिक फसल जलमग्न
यमुना में बाढ़ के चलते अब तक 3500 बीघा से अधिक फसल जलमग्न हो चुकी है। सबसे अधिक बाजरा और हरी सब्जियों की फसल शामिल है। इसे लेकर हर दिन प्रशासनिक अधिकारियों के पास शिकायतें पहुंच रही हैं।
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