Agra Flood Alert: यमुना का जलस्तर बढ़ने से पार्वती घाट डूबा, खेतों में 3 घंटे तक फंसे 25 किसान किए रेस्क्यू
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से आगरा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी का पानी कई इलाकों में घुस गया है जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। प्रशासन लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दे रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा। नई दिल्ली, मथुरा सहित अन्य शहरों में हो रही बरसात के चलते यमुना नदी रौद्र रूप में पहुंच चुकी है। सोमवार दोपहर बल्केश्वर स्थित पार्वती घाट, ताजगंज मोक्षधाम के आठ चितास्थल डूब गए। तनौरा-नूरपुर और मेहरा नाहरगंज के 25 किसान तीन घंटे तक खेतों में फंसे रहे। स्टीमर संचालक को बुलाया गया तब जाकर किसानों को खेतों से बाहर निकाला जा सका।
शहरी क्षेत्र से लेकर गांवों के मुहाने तक पानी पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने से सड़कों और गलियों में पानी भर सकता है। वहीं हथिनीकुंड बैराज, सहारनपुर से सुबह नौ बजे यमुना में 3.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पांच सितंबर की दोपहर तक पानी आगरा पहुंचेगा। इससे नदी का जलस्तर और भी बढ़ जाएगा।
हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़ा 3.22 लाख क्यूसेक पानी
गोकुल बैराज से यमुना नदी में 99 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नई दिल्ली, हरियाणा सहित अन्य में झमाझम बरसात हो रही है। इससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। सोमवार रात 11 बजे तक जलस्तर 497 फीट रहा। जलस्तर अब स्थिर हो गया है। गोकुल बैराज से अगर 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है तो जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी होगी।
सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हथिनीकुंज बैराज से सोमवार को तीन बार में 3.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार दोपहर तक पानी ओखला बैराज पहुंचेगा फिर गोकुल बैराज।
पांच सितम्बर तक आगरा पहुंचेगा पानी
पांच सितंबर की दोपहर तक पानी आगरा पहुंचेगा। अगर एक साथ पूरा पानी आ जाता है तो जलस्तर में तीन से पांच फीट तक बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में यमुना का जलस्तर 497 फीट है। उधर, सोमवार को यमुना के जलस्तर में धीमी गति से बढ़ोतरी हुई।
मनोहरपुर गांव की तीन झोपड़ियां, बल्केश्वर स्थित पार्वती घाट, ताजगंज मोक्षधाम के आठ चितास्थल डूब गए। यमुना ब्रिज की बस्ती की गली में पानी पहुंच गया है। नूरपुर, तनौरा और मेहरा नाहरगंज के किसानों की खेती नदी पार है।
बल्केश्वर में घाट, ताजगंज मोक्षधाम के 8 चितास्थल डूबे, गांवों के मुहाने तक पानी
सोमवार को किसान खेतों में बनी झोपड़ियों में सोए हुए थे। जलस्तर बढ़ने से झोपड़ियां डूबने लगी। तीन घंटे तक 25 किसान फंसे रहे। स्टीमर संचालक को फोन कर बुलाया तब जाकर बाहर निकल सके। एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बताया संबंधित गांवों में लगातार मुनादी कराई जा रही है। नदी से दूरी बनाने और खेतों की झोपड़ी में न रुकने के लिए कहा जा रहा है।
फतेहाबाद तहसील के तहसीलदार बबलेश कुमार ने बमरौली, नेतपुरा, मझटीला, नगरिया धारू, नगरिया रामकरन, धारापुरा, पिन्नापुरा गांवों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की। लोगों से टार्च, मोमबत्ती, आवश्यक दवाएं और खाने-पीने का सामान रखने को कहा गया।
28 बाढ़ चौकियां सक्रिय
तहसीलदार ने बताया कि लेखपालों को गांव में ही रुकने और स्थिति से लगातार अवगत कराने को कहा गया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला का कहना है कि 28 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। सभी तहसीलों के राजस्व कर्मियों को लगाया गया है।
यह है कंट्रोल रूम का नंबर : 0562-2260550, 9458095419
यमुना नदी में डूबकर युवक की मृत्यु
रुनकता। सिकंदरा के अकबरा गांव के पास युवक की यमुना नदी में डूबकर मृत्यु हो गई। अकबरा निवासी 40 वर्षीय श्याम बिहारी पुत्र रथुनाथ सिंह ट्रक चालक थे। स्वजन ने बताया कि श्याम बिहारी रविवार देर रात तक घर नहीं पहुंचे। काफी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चला। लोगों ने बताया कि सोमवार सुबह श्याम बिहारी को यमुना नदी की तरफ जाते हुए देखा गया था। इस जानकारी के बाद पुलिस ने मोटरबोट के जरिये पीएसी के गोताखोरों से नदी में तलाश शुरू कराई। दोपहर बाद तीन बजे उनका शव मिला।
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