Yamuna Water Lavel: बटेश्वर मंदिर तक पहुंचा पानी, बाह के चार गांवों से संपर्क टूटा; नाहरगंज ठार खाली
आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और 30 हजार से अधिक लोगों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। निचले इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भर गया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क कर दिया है और सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी की जा रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना नदी का रौद्र रूप बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को तेज बरसात और बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया। नालों के बैक मारने से यमुना किनारा रोड, कैलाश गांव, कृष्णा कॉलोनी, मोती महल, घाट बजरिया सहित डेढ़ दर्जन मोहल्लों में पानी भर गया। जल निकासी के प्रयास नाकाफी साबित हुए। जलस्तर 498.2 फीट पहुंचने से मेहरा नाहरगंज की थार को खाली कराते हुए 45 परिवारों को राहत शिविर में भेज दिया गया।
बटेश्वर के मुख्य मंदिर तक पहुंचा यमुना का जल
तनौरा, नूरपुर की सड़कों और गलियों तक पानी पहुंच गया है। बटेश्वर के मुख्य मंदिर व मंदिर श्रृंखला, कचौरा घाट के शिव मंदिर जलमग्न हो गए। चार गांवों कल्याणपुर, भरतार, सुंसार और गुढियाना गांवों का संपर्क तहसील बाह मुख्यालय से टूट गया है। स्टीमरों का संचालन कर ग्रामीणों को मदद पहुंचाई जा रही है। जिस तरीके से जलस्तर बढ़ रहा है। उसे देखते हुए शहरी क्षेत्र की 20 हजार और ग्रामीण क्षेत्र की 10 हजार की आबादी को खतरा पैदा हो गया है।
शनिवार शाम तक जलस्तर 500 फीट से ऊपर पहुंच सकता है। इससे दर्जनभर गांवों को खाली कराया जाएगा। प्रशासन ने मुनादी करानी शुरू कर दी है। बड़ी संख्या में लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है।
वैराज से छोड़ा गया है जल
हथिनीकुंड बैराज, सहारनपुर से अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार को 55 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गोकुल बैराज से 1.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। शुक्रवार सुबह के मुकाबले दोपहर 12 बजे के बाद जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई। रात नौ बजे तक जलस्तर 498.2 फीट तक पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने और दोपहर में झमाझम बरसात होने से लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई। जिस तरीके से जल निकासी होनी चाहिए थी। वह नहीं हो सकी।
यहां हुआ जलभराव
इसी के चलते कैलाश गांव, नगला बूढ़ी के पास की बस्ती, मोती महल, मनोहरपुर के पास का क्षेत्र, पार्वती घाट बल्केश्वर, जीवनी मंडी रोड स्थित वेदांत मंदिर से लेकर आगरा किला तक, कृष्णा कालोनी के आसपास के क्षेत्र में पानी भर गया। जलस्तर बढ़ने के चलते मेहरा नाहरगंज ठार के 45 परिवारों को राहत शिविर में पहुंचा दिया गया। दो एंबुलेंस गाड़ियां खड़ी कराई गई हैं।
छतों पर सामान लेकर पहुंचे गांव वाले
तनौरा, नूरपुर गांव के लोगों ने सामान मकानों की पहली या फिर दूसरी मंजिल में रख लिया है। छतों में पॉलीथिन से सामान को ढक दिया है। दोनों ही गांवों से यमुना सटकर बह रही है। दयालबाग, बल्केश्वर, कमलानगर, जीवनी मंडी, ताजगंज सहित अन्य क्षेत्रों में मुनादी कराई जा रही है।
मंदिरों में आया पानी
वहीं बटेश्वर के मुख्य मंदिर और श्रृंखला के सभी मंदिरों में पानी भर गया है। यही स्थिति कचाैरा घाट के शिव मंदिर की भी है। कल्याणपुर, भरतार, सुंसार और गुढियाना गांवों का बाह तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया गया है। उधर, शनिवार को जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होगी। जलस्तर 500 फीट के ऊपर पहुंच सकता है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि 65 अधिकारियों सहित 400 कर्मचारियों को लगाया गया है। पांच तहसीलों में लगातार नजर रखी जा रही है।
डूबे श्मशान घाट, अंतिम संस्कार में भी आ रही दिक्कत
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते ताजगंज मोक्षधाम के दो प्लेटफार्म पूरी तरह से डूब गए हैं। तीसरे प्लेटफार्म की ओर पानी बढ़ रहा है। एक से डेढ़ फीट पानी बढ़ने पर तीसरा प्लेटफार्म भी डूब जाएगा। इससे आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नए चितास्थल पर ही अंतिम संस्कार हो सकेंगे। वहीं पोइया श्मशान घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने शुक्रवार को तीन बार निरीक्षण किया। यहां पर अंतिम संस्कार को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
एसडीएम सदर सचिन का कहना है कि लोगों से ताजगंज मोक्षधाम में अंतिम संस्कार की अपील की जा रही है। जलस्तर में कमी आने के बाद अंतिम संस्कार हो सकेंगे। फाउंड्रीनगर श्मशान घाट तक यमुना का पानी पहुंच गया है।
बैरीकेडिंग कर रोका गया रास्ता
यमुना नदी के तट की तरफ जाने वाले अधिकांश रास्तों पर बैरीकेडिंग कर दी गई है। यह बैरीकेडिंग अंतिम छोर पर की गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बड़ी संख्या में लोग सेल्फी ले रहे हैं और वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं। अनहोनी की आशंका के डर से ऐसे लोगों को तट से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है।
2500 बीघा से अधिक फसल डूबी
तहसील सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद, किरावली और बाह की अब तक 2500 बीघा से अधिक फसल डूब चुकी है। सबसे अधिक हरी सब्जियों की फसलों को हुआ है। जलस्तर बढ़ने से फसलों का रकबा बढ़ रहा है।
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