Agra Street Food: मुंबई की चाैपाटी से लेकर मशहूर चाट तक, ये हैं शहर के चटपटे चौक चौराहे; सबका स्वाद लाजवाब
Agra Street Food नानवेज खाने के शौकीनों के लिए सदर में अब तमाम विकल्प हैं। जहां वेज रोल एग रोल चिकिन रोल के अलावा बिरयानी और कबाब के साथ ढेरों अन्य आइटम हैं। शाम छह बजे से रात 12 बजे तक यहां अच्छी रौनक दिखती है।

आगरा, जागरण टीम। मुंबई की चौपाटी भले मशहूर हो, आगरा की चाट गलियों का भी जवाब नहीं। इस शहर की पहचान पेठा और दालमोंठ के साथ यहां के चटकारे वाले स्वाद से भी है। पुराने शहर की चाट गलियां पहले से ही प्रसिद्ध थीं, अब शहर के अलग-अलग चौक और चौराहों पर ऐसी फूड स्ट्रीट बन गई हैं जो पुराने शहर के स्वाद से किसी भी स्तर में कम नहीं हैं।
बीते एक दशक में सदर से लेकर आवास विकास कालोनी और कमला नगर से लेकर दयालबाग तक कई जगह चाट गली जैसे नजारे हैं। इन स्थानों में कहीं का मोमोज, तंदूरी पकवान पहचान बना रहा है तो कहीं पनीर टिक्का, सोया चाप की खुशबू बिखर रही है। शाम ढलते ही यहां चाट के शौकीनों की भीड़ लगती है। ये नए स्थान इस बात के भी संकेत हैं कि शहर का स्वाद भी धीरे-धीरे करवट ले रहा है। बेढ़ई, कचौड़ी के प्रेमी अब दूसरे व्यंजन भी चाव से खा रहे हैं। जानिए शहर में नई चाट गलियां...
कारगिल तिराहा: वेज से नानवेज तक
शाम के छह बजे हैं। आवास विकास कालोनी के कारगिल तिराहे पर जिधर देखो उधर चाट की ठेल लगना शुरू हो गई हैं। कहीं डोसा और सोया चाप तैयार किया जा रहा है तो कहीं चिकन रोल बन रहा है। एक दशक पहले तक इस क्षेत्र में इक्का-दुक्का गोलगप्पे वाले ही खड़े होते थे। आज कारगिल तिराहे से करकुंज चौराहे तक 100 से ज्यादा खाने के स्टाल लगते हैं।
डोसे बनाने वाले मनीष अग्रवाल ने बताया, आवास विकास कालोनी के साथ जयपुर हाउस, कमलानगर, बल्केश्वर, दयालबाग और फतेहाबाद रोड तक से लोग आते हैं। रात में इतनी गाड़ियां खड़ी होती हैं कि पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। सोया चाप की कई वैरायटी हैं तो गोलगप्पे का पांच तरह का पानी भी। सबसे ज्यादा ठेल पिज्जा बनाने वालों की हैं। गर्मियों में फालूदा और चुस्की वाले भी आते हैं। यहां वेज के साथ नानवेज प्रेमियों के लिए भी काफी वैरायटी है।
सेक्टर-12: नानवेज के साथ पान
आवास विकास कालोनी में सेक्टर 12 की सड़क पर भी चौपाटी सजने लगी है। दिन में यहां वेज बिरयानी से लेकर अमृतसरी नान और रात में नानवेज के कई स्टाल लगे रहते हैं। सेक्टर तीन के आसपास भी चाइनीज फूड की कई ठेले लगती हैं। इसी सड़क पर खुले एक पान सेंटर पर कई तरह के पान मिलते हैं, जिन्हें खाने लोग देर रात तक यहां पहुंचते हैं। पश्चिमपुरी चौराहे से लेकर शास्त्रीपुर गोल चक्कर तक बड़ा पाव, चाऊमीन, नानवेज, गोलगप्पे, चाइनीज की कई ठेलें और छोटे फूड स्टाल सजते हैं।
सबसे पुरानी फूड स्ट्रीट में शामिल है सदर बाजार
सदर चौपाटी और चाट गली के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां मिलने वाली चाट को देखकर ही मुंह में पानी आ जाता है। इसलिए तो आज भी लोग इसके दीवाने हैं। यह लोगों का पसंदीदा फैमिली स्पाट भी है। खासकर उनके लिए जो शाकाहारी हैं, क्योंकि इस गली में आपको सिर्फ वेजीटेरियन फूड की ही विभिन्न वैरायटी मिल जाएंगी। इनमें फ्राइड, तंदूरी, रोस्टेड और बाइल मोमोज व टिक्का के साथ पिज्जा, सोया चाप, दही भल्ला, टिकिया, चाट आदि सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। इसके साथ ही यहां फालूदा कुल्फी का आनंद लेने भी लोग पहुंचते हैं। इसमें आम कुल्फी फालूदा का कोम्बो पैक आप अकेले नहीं खा पाएंगे। इसके अलावा चाकलेट फालूदा समेत दर्जन भर से ज्यादा वैरायटी हैं।
गली से बाहर निकलते ही यहां शेक और जूस के साथ पेस्ट्री, बर्गर, पेटीज और सैंडविच की शाप भी हैं। यदि कुछ हल्का फुल्का खाने का मन हो तो इन्हें ट्राई कर सकते हैं। गर्मी में शेक के भी कई फ्लेवर हैं। कियोस्क में बने आइसक्रीम काउंटर्स पर तो देर रात तक गप्पों के साथ स्वाद के दौर चलते हैं।
बल्केश्वर: मूंग की दाल के गोलगप्पे हैं खास, पकौड़े भी मिलते हैं यहां
बल्केश्वर के हनुमान मंदिर तिराहे से लेकर नंदी चौक तक लगने वाले खाने के स्टाल खूब लोकप्रिय हैं। शुरूआत में यहां दो-चार ही ठेल होती थीं, परंतु पिछले पांच वर्ष से यहां 50 से अधिक स्टाल लगती हैं। यहां के मूंग दाल के गोलगप्पे खासे पसंद किए जाते हैं। चाईनीज खान-पान के शौकीनों के लिए मोमोज, चाऊमीन के अलावा हक्का नूडल्स और मंचूरियन भी हैं। तीखा खाने वालों के लिए विभिन्न तरह के पकौड़े भी यहां मिलते हैं। सेहत के प्रति जागरूक लोगों के लिए अंडे, जूस, भेलपूरी की ठेल की भी कोई कमी नहीं है।
सेंट जोंस पर रहती है रौनक
सेंट जोंस चौराहा से किदवई पार्क की तरफ आने वाले मार्ग पर शाम ढलते ही रौनक छा जाती है। यहां लगभग एक दर्जन ठेलें लगती हैं। जहां डोसा, इडली, चाउमीन, पाव-भाजी, भेलपुरी, गोलगप्पे, ठंडे दूध की बोतल आदि का स्वाद शहरवासी लेते हैं।
कमला नगर के पोहे
यहां खान-पान का बाजार पानी की टंकी रोड से मेन मार्केट तक लगता है। सुबह से ही स्वाद के दीवानों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। मुख्य बाजार में बेडई-कचौड़ी की ठेलों के साथ पुराने केनरा बैंक के पास पोहे की ठेल लोगों की पसंदीदा ठेलों में से एक है। वहीं वेज बिरयानी और दाल पकवान की ठेल पर भीड़ जुटती है। इसके अलावा पेट्रोल पंप के सामने नान, स्टफ नान की ठेल बहुत लोकप्रिय है। शाम होते-होते पानी की टंकी के सामने लगने वाले आलू की चाट, गोलगप्पे व भल्ले के ठेले पर भीड़ जुटती है। यहां पर एक छोटा चाइना टाउन भी देखा जा सकता है। इसमें नूडल्स, बर्गर एवं मंचूरियन के आर्डर एक के बाद एक लगे रहते हैं। पेटीज, बर्गर, पेस्ट्री जैसे जंक फूड के शौकीन लोगों के लिए भी ठेले लगाई जाती हैं।
साउथ इंडियन है सबसे बेहतर
सदर में साउथ इंडियन खाना भी सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। यहां कई प्वाइंट हैं, जहां लोग परिवार के साथ सिर्फ साउथ इंडियन डिशेज खाने ही आते हैं। इनमें मसाला डोसा, रवा डोसा, इडली, सांभर वड़ा, उत्पम आदि शामिल हैं। इनमें बड़े रेस्टोरेंट से लेकर छोटी दुकानें तक शामिल हैं। चाइनीज भी विकल्प सदर बाजार में आपको चाइनीज व्यंजन भी मिल जाएंगे। इसमें चाउमीन, हक्का नूडल्स, सिंगापुरी नूडल्स, मंचूरियन, सूप, चिली पनीर, चिली चिकन आदि शामिल हैं। इसके साथ ही मैगी को भी यहां कई तरीकों से बनाया जाता है, जिसे युवा सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
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