आगरा के वरदान मेडिकल एजेंसी में बिल से डेढ़ गुना ज्यादा मिलीं दवाएं, संदिग्ध दवाओं के लिए जाएंगे सैंपल
औषधि विभाग की टीम ने फव्वारा स्थित वरदान मेडिकल एजेंसी पर दूसरे दिन भी जांच की। टीम ने पाया कि खरीद के बिल से डेढ़ गुना अधिक दवाइयां मौजूद हैं। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। औषधि विभाग की टीम ने दूसरे दिन फव्वारा स्थित वरदान मेडिकल एजेंसी पर जांच की। टीम की जांच में खरीद के बिल से डेढ़ गुना ज्यादा दवाएं मिली हैं। ऐसी एक दर्जन संदिग्ध दवाओं का ब्योरा दर्ज किया गया है। शनिवार को भी टीम जांच करेगी। ईएसआइ हास्पिटल सप्लाई की दवाओं सहित संदिग्ध दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे।
सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि मुख्यालय से फव्वारा दवा बाजार स्थित अंकुर अग्रवाल के वरदान मेडिकल एजेंसी की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार को जांच में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) हास्पिटल की सप्लाई की 1300 एंटीबायोटिक टैबलेट मिली थी इन्हें जब्त कर लिया गया। इसके साथ ही आयरन टैबलेट के नमूने लिए गए थे, टीम ने रात होने पर सील लगा दी थी।
दोपहर में मैनपुरी के औषधि निरीक्षक दीपक कुमार जांच के लिए पहुंचे, सील खोलकर जांच की गई। जांच में एक दर्जन दवाओं की खरीद के बिल और स्टाक में अंतर मिला है, कई दवाओं के खरीद के चार बाक्स के बिल हैं जबकि स्टाक में छह बाक्स मिले हैं। एक दर्जन संदिग्ध दवाओं का अलग ब्योरा दर्ज किया गया है। शनिवार को भी जांच की जाएगी, जिन दवाओं के बिल और स्टाक में अंतर मिलेगा वे नकली तो नहीं है इसकी जांच के लिए नमूने भेजे जाएंगे।
ईएसआइ हास्पिटल की दवाएं सप्लाई करने वाला खंगाला जा रहा नेटवर्क
औषधि विभाग की टीम ईएसआइ हास्पिटल सहित सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निश्शुल्क दी जाने वाली दवाओं की बाजार में बिक्री करने वाले नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि पूछताछ में वरदान मेडिकल एजेंसी के संचालक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि बाहर से दवा मंगाई थीं, हाकर दवा लेकर आया।
कार्टन खोलकर देखा तो उसमें हास्पिटल सप्लाई की दवाएं थीं। इन दवाओं को अलग रख दिया था। दवाएं किसके खरीदी गईं, सप्लाई करने कौन आया था इसकी भी जांच की जा रही है। दूसरे दिन भी दवा बाजार में दुकानें बंद रहीं। फव्वारा दवा बाजार में हास्पिटल सप्लाई की दवाओं का अवैध कारोबार होता है, इन दवाओं पर लगी हास्पिटल सप्लाई नोट फोर सेल को हटा दिया जाता है, इसकी भी जांच की जा रही है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा भी कार्रवाई के दौरान पहुंच गए। उनका कहना है कि फव्वारा दवा बाजार नकली और अवैध दवाओं के लिए बदनाम हो रहा है। नमूने लिए जाते हैं, लेकिन जांच में पास हो जाते हैं ऐसा कैसे संभव है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
पुडुचेरी में नकली ब्रांडेड दवाएं तैयार करने वाले राजा के लिए वी वारंट लेकर जाएगी पुलिस
औषधि विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने 22 अगस्त को फव्वारा दवा बाजार में हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी और उनकी सहयोगी फर्म पर छापा मारा था। पांच फर्म और गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी से 28 दवाओं के नमूने लिए थे। 72 करोड़ की दवाएं सीज और जब्त की गईं थीं। जिन 28 दवाओं के नमूने लिए गए थे उसमें से अधिकांश दवाएं पुडुचेरी की मीनाक्षी फार्मा, श्री अमान फार्मा और परम हाउस से खरीदने के बिल मिले थे।
मीनाक्षी फार्मा के संचालक एके राणा को कोतवाली पुलिस वी वारंट पर पुडुचेरी की जेल से लेकर आई थी और सोमवार को उसे जिला जेल भेज दिया गया। पुडुचेरी में ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवा तैयार करने वाले सरगना राजा को भी पकड़ लिया है। दवा कंपनियों ने भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आगरा भेजी गईं नकली दवा के मामले में भी उससे पूछताछ की जाएगी, एके राणा के बाद कोतवाली पुलिस राजा के खिलाफ भी वी वारंट लेकर जाएगी।

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