छापे के दौरान वरदान मेडिकल एजेंसी में मिली ESI हॉस्पिटल की दवाएं, सील कर 1300 एंटीबायोटिक जब्त
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) हास्पिटल से मरीजों को दी जाने वाली निशुल्क दवाओं की बिक्री पर औषधि विभाग की टीम ने गुरुवार को फव्वारा स्थित वरदान म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) हास्पिटल से मरीजों को दी जाने वाली निश्शुल्क दवाओं की बिक्री पर औषधि विभाग की टीम ने गुरुवार को फव्वारा स्थित वरदान मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा। आठ घंटे चली कार्रवाई के बाद टीम ने ईएसआइ हास्पिटल सप्लाई की 1300 एंटीबायोटिक जब्त की हैं। एंटीबायोटिक और आयरन सहित दो दवाओं के नमूने लिए हैं। टीम ने रात में सील लगा दी, शुक्रवार को आगे की जांच की जाएगी।
सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि मुख्यालय से फव्वारा दवा बाजार स्थित अंकुर अग्रवाल के वरदान मेडिकल एजेंसी की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। मैनपुरी के औषधि निरीक्षक दीपक कुमार और आगरा के औषधि निरीक्षक कपिल शर्मा ने दोपहर 12 बजे से जांच शुरू की।
रात आठ बजे तक चली जांच के दौरान टीम ने बैक्टीरियल संक्रमण में दी जाने वाली ईएसआइ हास्पिटल सप्लाई नोट फार सेल की मुहर लगी 1300 जोस्टैन ओ टैबलेट जब्त की हैं। ये दवाएं ईएसआइ हास्पिटल से मरीजों को निश्शुल्क देने के लिए सप्लाई की जाती हैं। इसके साथ ही ओरोफर एक्सीएम आयरन टैबलेट और एंटीबायोटिक के नमूने जांच को लिए गए हैं। जांच पूरी न होने पर रात में सील लगा दी। मेडिकल स्टोर पर जिन दवाओं का स्टाक है, उसकी खरीद बिक्री के रिकार्ड की शुक्रवार को टीम जांच करेगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
हाकर से खरीदी दवाएं, फव्वारा बाजार में बंद हो गईं दुकानें
औषधि विभाग की टीम ने संचालक अंकुर अग्रवाल से पूछताछ की, वह टीम को गुमराह करता रहा। इसके बाद हाकर से दवा खरीदने की जानकारी दी है। टीम सरकारी अस्पतालों की दवाओं का अवैध कारोबार करने वाले दुकानदारों की सूची तैयार कर रही है। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। छापे के दौरान फव्वारा दवा बाजार में खलबली मची रही, थोक दवा की दुकानें बंद हो गईं।
मुहर हटाकर एमआरपी से 80 प्रतिशत कम रेट में बिकती हैं दवाएं
फव्वारा दवा बाजार में ईएसआइ और सरकारी अस्पतालों से मरीजों को निश्शुल्क दी जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री की जाती है। इन दवाओं को सरकारी अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्ट बिक्री करते हैं। बाजार में इन दवाओं से हास्पिटल सप्लाई की मुहर हटाकर एमआरपी से 80 प्रतिशत कम रेट में बिक्री की जाती है। कुछ वर्ष पहले तक हास्पिटल सप्लाई की दवाओं का करोड़ों का कारोबार होता था। कई राज्यों की भी सरकारी हास्पिटल की सप्लाई की दवाएं भी टीम ने जब्त की थीं।

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