हांगकांग, दुबई, सिंगापुर... 5 भाषाएं बोलने वाला ठग कैसे बनाता था शिकार? आगरा पुलिस ने खोल दिया राज
आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह ने आइपीओ शेयर और क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से ठगी की। आगरा के एक व्यक्ति से दो करोड़ रुपये की ठगी के बाद पुलिस ने दिल्ली में गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया। आरोपी कई देशों की यात्रा कर चुका है और विभिन्न भाषाएँ बोलकर लोगों को धोखा देता था।

जागरण संवाददाता, आगरा। अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग आइपीओ, शेयर और क्रिप्टो में ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। आगरा के एक व्यक्ति से दो करोड़ रुपये हुई ठगी के बाद जांच में जुटी पुलिस दिल्ली में रहने वाले गिरोह के सदस्य तक पहुंची।
शनिवार को पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। आरोपित पांच देशों की यात्रा कर चुका है। ग्रेजुएट आरोपित हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी भाषा बोलकर वह भोले भाले लोगों को शिकार बनाता था। अब तक आरोपित को 80 लाख रुपये साइबर ठगों से कमीशन मिल चुका है।
आगरा में रहने वाले जार्ज जोसेफ को आईपीओ, शेयर व क्रिप्टो में ट्रेडिंग कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने अप्रैल 2024 में एक करोड़ 96 लाख 62 हजार रुपये की ठगी की थी। पीड़ित की शिकायत के बाद साइबर थाना पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी थी।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 1.78 करोड़ रुपये पीड़ित को वापस कराए थे। एडीसीपी आदित्य ने प्रेसवार्ता में बताया कि साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने साइबर ठगी के आरोपित 54 वर्षीय धर्मेंद्र कुमार उर्फ डिक्की निवासी फ्लैट नबर 301 यूनिटी अपार्टमेंट गली नंबर दो गुरु हरिकिशन नगर उत्तम नगर दिल्ली वेट को गिरफ्तार किया है।
आरोपित ने जार्ज जोसेफ को फ्राड लिंक भेजकर ठगी की थी। आरोपित हांगकांग, मलेशिया, दुबई, सिंगापुर व थाईलैंड की यात्रा कर चुका है। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी भाषा बोलकर वह लोगों को शिकार बनाता था। उसके खिलाफ आगरा के अलावा हरियाणा में दो मामले दर्ज हैं।
इसके साथ ही 46 शिकायतें एनसीसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं। दिसंबर 2024 में दिल्ली के कमला मार्केट थाने से आरोपित जेल भी जा चुका है।
ऐसे करता था ठगी
एडीसीपी आदित्य ने बताया कि आरोपित दुबई, कंबोडिया, हांगकांग, मलेशिया, सिंगापुर व थाईलैंड में बैठे अपने साथियों के साथ माध्यम से ठगी करता है। वह टीम के साथ एपीके फाइल, टेलीग्राम व वाट्सएप के जरिए लोगों को आइपीओ, स्टाक व क्रिप्टो में ट्रेडिंग का झांसा देकर ठगता था।
फर्जी पेमेंट गेटवे व यूएसडीटी के माध्यम से धोखाधड़ी की धनराशि को दुबई में ट्रांसफर कराते हैं। भारत में बैठे उनके लिंंक साइबर अपराधी खातों से धनराशि को एटीएफ के माध्यम से निकालकर अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं।
दुबई में बैठे अतिरेश, भूपेश आदि भारत से बैंक खाते की किट आदि प्राप्त कर एपीके फाइल के माध्यम से रुपये ट्रांसफर करा लेते थे। अभी तक आरोपित अपने साथियों के साथ 25 बैंक खातों की किट सिम के साथ विदेश भेज चुका है।
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