Agra: भविष्य से खिलवाड़! छह लाख में MBBS की उत्तर पुस्तिका बदलने ठेका; ED की जांच में कई होंगे बेनकाब
डा. भीमराव आंबेडकर की बीएएएमएस और एमबीबीएस परीक्षा की उत्तर पुस्तिका बदलने वाले गैंग की जड़ें गहरी थीं। यह गैंग विश्वविद्यालय की खाली उत्तर पुस्तिका प्राप्त कर लेता था। सेंटर से एजेंसी तक उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय ने टेंपो चालक को लगा रखा था। इससे गैंग की सेटिंग थी। टेंपो चालक सेंटर से उत्तर पुस्तिकाएं ले जाकर गैंग के सदस्यों को रास्ते में ही दे देता था।

आगरा, जागरण संवाददाता। एमबीबीएस और बीएएमएस की उत्तर पुस्तिका बदलने वाले गैंग का नेटवर्क बहुत बड़ा है। इसमें छात्र नेता और डाक्टर से लेकर विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी शामिल निकले थे। ये एक उत्तर पुस्तिका बदलने के छात्र से 50 हजार रुपये लेते थे। इस तरह छह विषय के तीन लाख रुपये तक लेते थे। कई सवालों के जवाब पुलिस की जांच में नहीं मिल सके थे। अब ईडी की जांच में उनके जवाब जानने का प्रयास किया जाएगा।
डा. भीमराव आंबेडकर की बीएएएमएस और एमबीबीएस परीक्षा की उत्तर पुस्तिका बदलने वाले गैंग की जड़ें गहरी थीं। यह गैंग विश्वविद्यालय की खाली उत्तर पुस्तिका प्राप्त कर लेता था। सेंटर से एजेंसी तक उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय ने टेंपो चालक को लगा रखा था। इससे गैंग की सेटिंग थी। टेंपो चालक सेंटर से उत्तर पुस्तिकाएं ले जाकर गैंग के सदस्यों को रास्ते में ही दे देता था।
इसके बाद छलेसर कैंपस में कुछ बंडल कम जमा करके लिखापढ़ी में पूरे दिखा देता था। बाद में गैंग उत्तर पुस्तिकाएं लिखने के बाद टेंपो चालक को सौंप देता था। इसके बाद टेंपो चालक अगले दिन या उसी दिन उन्हें छलेसर कैंपस में पहुंचा देता था। इसीलिए उत्तर पुस्तिकाओं के सीरयल नंबर अलग मिले थे। पुलिस ने सबसे पहले विश्वविद्यालय के टेंपो चालक देवेंद्र को जेल भेजा था।
इसके बाद दिल्ली से डॉ. अतुल को पकड़ा। पुनीत और दलाल दुर्गेश की गिरफ्तारी हुई। मुख्य आरोपित छात्रनेता राहुल पाराशर कोर्ट में समर्पण करके जेल चला गया था। चार आरोपित छलेसर स्थित फार्मेसी कालेज के कर्मचारी शैलेंद्र बघेल, मूल्यांकन केंद्र का कर्मचारी उमेश, भीकम सिंह, पूर्व कर्मचारी शिव कुमार दिवाकर पकड़े गए थे। इनमें देवेंद्र, डॉ. अतुल, साल्वर पुनीत, दलाल दुर्गेश, राहुल पाराशर, शैलेंद्र बघेल, उमेश, भीकम सिंह, शिव कुमार दिवाकर, अतुल कटियार, रवि उर्फ रविंद्र राजपूत, इजमाम सहित 13 के खिलाफ हरीपर्वत पुलिस ने चार्जशीट लगा दी गई। पुलिस की जांच में सामने आया था कि बीएएमएस के 14 और एमबीबीएस के 26 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं बदली गई थीं।
एसटीएफ ने जांच में जुटाया था कच्चा चिट्ठा
विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने डाक्टर भीमराव आंबेडकर विश्चविद्यालय में हुए घोटालों का कच्चा चिट्ठा जुटाया था। उसने पांच वर्ष के दौरान विश्चविद्यालय में हुए कार्यों से संबंधित प्रपत्र जुटाए थे। करीब छह हजार पन्नों में थे। इसमें कालेजों को मान्यता देने, विश्वविद्यालय और उससे संबंधित कालेजों में नियुक्तियां, फर्नीचर खरीद, स्टेशनरी खरीद, विश्वविद्यालय में कराए गए कार्य आदि शामिल थे। बाद में अभियोग वापस होने के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ईडी की जांच शुरू होते ही एसटीएफ द्वारा घोटाले से संबंधित एकत्रित किए गए यह प्रपत्र अब महत्पपूर्ण हो गए हैं।

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